तंत्र के गण: दृढ़ निश्चय कर टीम को बनाया सशक्त और महामारी के खिलाफ छेड़ी जंग

प्रदेश के सबसे अधिक कोरोना मरीजों के शहर में एक समय था कि हर कोई एक दूसरे से दूर भाग रहा था। तब सिविल सर्जन डाक्टर विरेंद्र यादव व उनकी टीम निस्वार्थ भाव से मानवसेवा में जुटी रही।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 06:09 PM (IST)
तंत्र के गण: 
दृढ़ निश्चय कर टीम को बनाया सशक्त 
और महामारी के खिलाफ छेड़ी जंग
तंत्र के गण: दृढ़ निश्चय कर टीम को बनाया सशक्त और महामारी के खिलाफ छेड़ी जंग

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

कोरोना काल में जब लोग घर से बाहर निकलने में डर रहे थे और कोरोना मरीज के परिजनों से दूरी बना रहे थे तब शहर में कोई था जो मरीजों के लिए फिक्रमंद दिख रहा था। प्रदेश के सबसे अधिक कोरोना मरीजों के शहर में एक समय था कि हर कोई एक दूसरे से दूर भाग रहा था। तब सिविल सर्जन डाक्टर विरेंद्र यादव व उनकी टीम निस्वार्थ भाव से मानवसेवा में जुटी रही। उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दृढ़ निश्चय कर अपनी टीम को सशक्त बनाया और वायरस को खत्म करने की जंग छेड़ दी। कोरोना काल में जनसेवा को अपनी दिनचर्या में शामिल किया। जांच शिविर लगाकर अभियान चलाया और लोगों को महामारी से बचाव के लिए प्रेरित किया गया। जनसेवा के लिए रहे हमेशा तैयार: सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए जिला स्तर पर हर संभव प्रयास किया। 24 घंटे जनसेवा के लिए तैयार रहे। उन्होंने व स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों व अन्य स्टाफ ने साप्ताहिक अवकाश तक नहीं लिया। दीपावली के दिन भी सेवाभाव से अस्पताल आकर काम किया। डा. विरेंद्र का कहना है कि कोरोना महामारी की रोकथाम में लोगों ने बहुत सजगता दिखाई है। लोग जागरूक हुए हैं तभी इस महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण हो पाया है। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को दिलाया इलाज : शहर में जब मरीजों की संख्या अधिक थी और लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज लेने की जरूरत थी तब प्राइवेट अस्पतालों पर सख्त निगरानी रखी गई और समय रहते मरीजों को इलाज मिल पाया।

कोरोना जांच शिविर से महामारी की कड़ी तोड़ने में मिली मदद:

जब शहर में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी और कोरोना वायरस तेजी से अपने पांव पसार रहा था तब महामारी को नियंत्रित करने के लिए शहर में जगह-जगह कोरोना जांच शिविर लगाने का प्लान तैयार किया। डाक्टर विरेंद्र का कहना था कि मरीज हमारे पास जांच कराने आए उससे पहले हम मरीजों के पास जांच करने जाएं ताकि वायरस एक दूसरे में ना फैले।

निश्शुल्क कोरोना जांच कर लोगों को 20 मिनट में रिपोर्ट देकर कोरोना वायरस के फैलाव को रोक दिया। जांच शिविर की इस पहल से कोरोना महामारी की कड़ी तोड़ने में काफी मदद मिली। इसके अलावा जागरूकता अभियान भी चलाए गए। अस्तपाल में आने वाले लोगों को बार-बार महामारी से बचाव के लिए मास्क लगाने व दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया। टीम का मिला पूरा सहयोग: अकेला व्यक्ति पहाड़ नहीं तोड़ सकता, एक टीम की ताकत व्यक्ति का हौसला और बढ़ा देती है। डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि लाकडाउन के समय में उनकी पूरी टीम सेवाभाव से और महामारी से बिना डरे कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में जुटी रही। यही टीम उनकी ताकत बनी। आज जिले में कोरोना के केस बहुत कम आ रहे हैं। टीम के सहयोग और लोगों की जागरूकता से जिला जल्द ही कोरोना मुक्त हो जाएगा। डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने उच्च अधिकारियों की केवल उसी बात को माना जो कोरोना नियंत्रण करने में मददगार थी। अब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए भी स्वास्थ्यकर्मी बिना डरे केंद्रों में पहुंच रहे हैं।

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