इन्हें सलाम : कोरोना को हराने के बाद फिर संभाल ली जिम्मेदारी

कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि मोक्ष स्थलों पर अंतिम संस्कार करने के लिए जगह कम पड़ गई। संक्रमित होने के डर से लोग स्वजन के शव को हाथ लगाने से बच रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 06:39 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 06:39 PM (IST)
इन्हें सलाम : कोरोना को हराने के बाद फिर संभाल ली जिम्मेदारी
इन्हें सलाम : कोरोना को हराने के बाद फिर संभाल ली जिम्मेदारी

संवाद सहयोगी, सोहना (गुरुग्राम): कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि मोक्ष स्थलों पर अंतिम संस्कार करने के लिए जगह कम पड़ गई। संक्रमित होने के डर से लोग स्वजन के शव को हाथ लगाने से बच रहे थे। ऐसे में नगर परिषद व नगर निगम के कर्मचारी ना कि सफाई कर रहे थे बल्कि शवों का दाह संस्कार भी करा रहे थे। सोहना में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कई लोगों की कोरोना से जान गई। मरने वालों के शव का दाह संस्कार नगर परिषद की सफाई दारोगा सोनम राघव व उनकी टीम करा रही थी। पीपीई किट पहन अस्पताल से एंबुलेंस से शव को लेकर मोक्ष स्थल तक लाकर अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेदारी सोनम की टीम ने बड़ी जिम्मेदारी से निभाई। इसी दौरान सोनम कोरोना की चपेट में खुद आ गईं। सोलह मई को उन्हें तेज बुखार आया। गले में भी परेशानी हुई जांच कराई तो उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। जिसके बाद सोनम 30 मई तक होम आइसोलेशन में रहीं। घर से मोबाइल के जरिये अपनी टीम से जुड़ी रहीं और दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ टीम के सदस्यों का उत्साह बढ़ाती रहीं। शहर की सफाई व्यवस्था की पड़ताल भी लोगों से संपर्क कर करती रहीं। सोमवार को सोनम ने एक बार फिर से जिम्मेदारी संभाल ली। उन्होंने कहा कि अस्पताल से मोक्ष स्थल तक कोरोना मरीज को लाने की बात स्वजन को पता चली तो वह परेशान थे। जब बुखार आया तो और भी परेशान हो गए। इसके बाद भी सोनम ने साहस नहीं खोया। खुद का आत्म विश्वास बढ़ाए रखा और ठीक हो गईं। वह लोगों से अपील करते हुए कहती हैं कि संकट में जो धीरज नहीं खोता उसकी सदैव जीत होती है। दाह-संस्कार कराने में जब उनकी डयूटी लगी तो वह विचलित नहीं हुई। सफाई कर्मी सोनू, सन्नी, रवि, सागर, आकाश, जय व अरुण की मदद से रात दिन काम किया। सोनम ने कहा कि उनकी टीम के सदस्यों ने दिखा दिया कि उन्हें कोरोना योद्धा क्यों कहा जाता है।

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