एनपीआर के रास्ते में खाली प्लाट बन रहे बाधा

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम खेड़की दौला से दिल्ली के द्वारका को जोड़ने वाले निर्माणाधीन नार्दर्न पेरीफ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 01:09 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 01:09 AM (IST)
एनपीआर के रास्ते में खाली प्लाट बन रहे बाधा
एनपीआर के रास्ते में खाली प्लाट बन रहे बाधा

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

खेड़की दौला से दिल्ली के द्वारका को जोड़ने वाले निर्माणाधीन नार्दर्न पेरीफेरल रोड (एनपीआर ) की कुछ समस्याएं जरूर दूर हुई लेकिन अभी भी कई कानूनी बाधाएं हैं। एनपीआर के रास्ते में आने वाले कई प्लाट के मालिकों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर कर रखा है।

याचिकाकर्ता कहते हैं कि हुडा अधिकारी उन्हें प्लाट देने से मना कर रहे हैं, जबकि अदालत न्यायसंगत प्लाट देने की बात कह चुकी है। इससे जुड़े चार केस की सुनवाई 28 मार्च को होनी है। अदालत का फैसला ही योजना का भविष्य तय करेगा। हालांकि, यह उम्मीद जताई जा रही है कि अदालती फैसला दोनों पक्षों की सहमति से होगा। मंगलवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने वैकल्पिक प्लाट देने वाली नीति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता सतेंद्र ¨सह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग की थी कि जब सेक्टर 110 ए में बाहरी लोगों को बसाया जा रहा है तो उसकी अधिगृहित की गई जमीन को रिलीज क्यों नहीं किया जा रहा है। जवाब में हुडा ने उसकी जमीन टुकड़ों में रिलीज करने का वादा शपथ पत्र के जरिए दिया था। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अदालत ने याचिका रद कर दी थी। इसके बाद एक मामला तो सुलट गया।

कितनी अड़चन

वर्ष 2008 में बगैर जमीनी हकीकत देखे हुडा अधिकारियों ने एनपीआर व एसपीआर योजना बनाई थी। एनपीआर के दायरे में न्यू पालम विहार में करीब साढ़े तीन सौ मकान व प्लाट तथा एसपीआर के दायरे में भी कई मकान आ रहे थे। मकान मालिकों को सेक्टर 110 में वैकल्पिक प्लाट देने पर सहमति बन चुकी है। अड़चन वह लोग बने हुए हैं, जिनकी योजना के दायरे में खाली प्लाट आ रहे हैं। रामलाल, केवलानंद, हरी ¨सह व अन्य ने हाईकोर्ट में हुडा के खिलाफ याचिका लगा रखी है।

कई अड़चन तो दूर हुई लेकिन प्लाटधारकों की बात सुनने को हुडा अधिकारी तैयार नहीं जबकि अदालत कह चुकी है कि नियम के तहत प्लाट भी दिए जाएं। कई लोगों ने हाईकोर्ट में हुडा के खिलाफ अवमानना का मामला भी डाल रखा है। 28 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई है।

-रिशिराज राणा, पूर्व पार्षद व प्लाट धारकों के पैरवीकार

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योजना सिरे चढ़ी तो आउटर एक्सप्रेस-वे

नार्दर्न पेरीफेरल रोड (एनपीआर ) की लंबाई 18 किलोमीटर है। यह द्वारका से निकल खेड़की दौला के पास दिल्ली-जयपुर हाईवे पर मिलती है। यहां से हाईवे की दूसरी ओर से सदर्न पेरीफेरल रोड (एसपीआर ) निकली है। 12 किलोमीटर लंबी सड़क घाटा गांव के पास फरीदाबाद रोड पर मिलती है। एनपीआर व एसपीआर एक्सप्रेस-वे तैयार होने पर दिल्ली, गुरुग्राम व अन्य शहरों के लोगों को सुविधा रहेगी। पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले लोग जयपुर जाने के लिए सीधे एनपीआर का प्रयोग करेंगे। वहीं फरीदाबाद व यूपी, राजस्थान के अन्य शहरों में जाने के लिए उन्हें दिल्ली के अंदर नहीं जाना पड़ेगा। इसी तरह यूपी व राजस्थान से आने वाले लोगों को भी फायदा होगा। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भी वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।

योजना एक नजर में

एनपीआर-खेड़की दौला गुरुग्राम से द्वारका दिल्ली के बीच- दूरी-- 18 किलोमीटर

एसपीआर-- खेड़की दौला से घाटा गांव

योजना कब बनी-- 2008

पूरा करने का वर्ष-- 2010

काम शुरू हुआ -- जनवरी 2011 से

वर्जन

योजना को मूर्त रूप देने के लिए पूरे प्रयास चल रहे हैं। कुछ मामले अदालत में हैं, वह भी सुलझ जाएंगे।

-यशपाल यादव, हुडा प्रशासक

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