दुष्कर्म पीडि़ता ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दुष्कर्म पीड़ित एक युवती ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाध

By Edited By: Publish:Sun, 29 Nov 2015 08:55 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2015 08:55 PM (IST)
दुष्कर्म पीडि़ता ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दुष्कर्म पीड़ित एक युवती ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर गुड़गांव पुलिस आयुक्त और महिला थाने में तैनात पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र मीडिया में आने के चलते मामले में कोई पुलिस अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क ने भी फोन नहीं उठाया। बता दें कि यहां की पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त भारती अरोड़ा ने भी पुलिस आयुक्त के रवैये पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद उनका तबादला पंचकूला कर दिया गया। उपायुक्त टीएल सत्यप्रकाश भी बिल्डरों से जुड़े मामलों को लेकर गुड़गांव पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तक को पत्र लिख चुके हैं।

पंजाब के एक शहर की मूल निवासी पीड़िता ने पत्र में लिखा है कि उसके साथ पीजी संचालक ने दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत लेकर वह महिला थाने गई तो उसकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क से मिली तो उन्होंने पीड़ा सुनने के बाद किसी को फोन किया। फोन पर बात करने के बाद उनका अंदाज बदल गया और उसे कार्यालय से भाग जाने को कहा। इसके बाद भी वह कार्यालय में बैठी रही तो पीसीआर बुलाकर उसे महिला सेल में भेज दिया गया, जहां उसे रात भर रखा गया। वहां पर उससे महिला एएसआइ ने लिखवा लिया गया कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती है। वहां से जाने के बाद एक महिला अधिवक्ता को लेकर वह अगले दिन महिला थाने शिकायत देने गई तो शिकायत ले ली गई। काफी दबाव बनाने के बाद अगले दिन मेडिकल कराने के बाद मामला दर्ज किया गया। मेडिकल के लिए उसे अस्पताल में चार घंटे बैठना पड़ा। सूचना पाकर पहुंचे उसके पिता को भी आरोपी के सामने ही धमकाया गया था, एफआइआर वापस लेने का दबाव डाला गया।

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आरोपी नहीं हुआ गिरफ्तार

पीड़ित युवती (19) की शिकायत पर पर शुक्रवार की रात सेक्टर 39 में पीजी चला रहे धर्मवीर के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी को पुलिस ने अभी गिरफ्तार नहीं किया है। जबकि युवती का आरोप है कि आरोपी मामला दर्ज होने के बाद भी थाने में आया और उसे नीचे बैठाया गया तथा खुद कुर्सी में बैठ बयान पलटने का दबाव बनाया।

वर्जन

''पीड़िता के मुताबिक पुलिस अधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने गलत व्यवहार किया। उसे जमीन पर बैठाया गया। जबकि आरोपी थाने में ही कुर्सी पर बैठा रहा। उसने अपनी पीड़ा पत्र के जरिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी है। पुलिस कर्मियों ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले उसे नाबालिग घोषित करने का भी प्रयास किया।

-कुलभूषण भारद्वाज, पीड़िता के अधिवक्ता।

''दुष्कर्म पीड़िता ने जो शिकायत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजी है, उसका कोई आधार नहीं है। पीड़िता की ओर से शिकायत मिलते ही एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद जांच शुरू कर दी गई। ऐसे में आरोप लगाने का कहीं से भी आधार नहीं बनता है।''

-धारणा यादव, एसीपी सदर, गुड़गांव।

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