खेड़की दौला टोल पर फिर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

By Edited By: Publish:Mon, 15 Sep 2014 08:02 PM (IST) Updated:Mon, 15 Sep 2014 08:02 PM (IST)
खेड़की दौला टोल पर फिर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : टोल कंपनी की जिद पर 42 गांवों के लोगों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। ग्रामीणों ने दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस वे स्थित खेड़की दौला टोल पर जोरदार प्रदर्शन किया। दो घंटे तक के लिए टोल बूम उठाकर वाहनों की आवाजाही फ्री कर दी। हजारों की तादात में वाहन सरपट निकलने लगे। इस दौरान हुई दो दुर्घटनाओं में एक प्रदर्शनकारी समेत एक बाइक सवार घायल हो गया। सर्विस लेन पर प्रदर्शनकारियों के वाहन खड़े होने से जयपुर-दिल्ली लाइन जाम हो गया। ग्रामीण टोल फ्री की शर्त कंपनी से लिखित में लेना चाहते थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अतिरिक्त उपायुक्त पुष्पेंद्र सिंह चौहान के आश्वासन पर ढाई घंटे बाद ग्रामीण टोल प्लाजा से हटे। प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे।ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश का कहना है कि 42 गांवों के वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा था, तो कंपनी फिर से टैक्स वसूली की जिद पर क्यों अड़ी है। वैसे भी इस टोल प्लाजा की लागत वसूली जा चुकी है। ऐसे में टैक्स वसूली जायज ही नहीं है। अब टोल प्लाजा हटा दिया जाना चाहिए।

बता दें करीब दो माह पूर्व एक नई कंपनी ने टोल संचालन का कामकाज संभाला। उसने इन गांव के वाहनों से भी टोल वसूली शुरू कर दी। इसको लेकर अगस्त में भी ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर टोल फ्री कर दिया था। टोल कंपनी व जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था, लेकिन इसी बीच टोल कंपनी ने दोबारा गांव के वाहनों से टोल वसूली शुरू कर दी। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और सोमवार को सुबह 11 बजे टोल प्लाजा पर एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए टोल बूम उठा दिए। इसके बाद दो घंटे तक हजारों की संख्या में वाहन बिना टोल दिए निकले। जाते-जाते ग्रामीणों ने टोल कंपनी को चेताया कि टोल की लागत वसूल होने के बाद टोल वसूली गलत है। टोल को हर हाल में यहां से हटाएंगे।

मौके पर पूर्व सरपंच ओमप्रकाश, सुशील भाटी, कैप्टन सबे सिंह, विक्रम सरपंच, शौचन सरपंच, रामबीर, सुरेंद्र सरपंच, धर्म सिंह सरपंच, महा सिंह सरपंच सहित 42 गांव के ग्रामीण मौजूद थे।

जिला प्रशासन को भी चुनौती दे रही टोल कंपनी

अगस्त माह में ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया था। उस समय एसडीएम ओमप्रकाश ने ग्रामीण, नेशनल हाइवे, टोल कंपनी को अपने कार्यालय बुलाया था, ताकि बैठकर इस समस्या का निदान किया जा सके। बावजूद न तो नेशनल हाइवे न ही टोल कंपनी एसडीएम द्वारा आहूत बैठक में पहुंची। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान यह पीड़ा एसडीएम ओमप्रकाश की सामने भी आ गई।

एक्सीडेंट में दो जख्मी

सोमवार को टोल फ्री के दौरान दो एक्सीडेंट की घटना हुई। एक प्रदर्शनकारी ग्रामीण कैंटर की चपेट में आ गया। वहीं तेज गति से आ रही स्विफ्ट कार की टक्कर से बाइक सवार घायल हो गया। दोनों को उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

19 अगस्त को भी टोल फ्री

42 गांव के वाहनों से टोल लेने पर ग्रामीणों ने 19 अगस्त को टोल पर प्रदर्शन किया था। उस समय भी उन्होंने टोल फ्री कर दिया था। इस मामले में 20 अगस्त को टोल कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसके विरोध में 24 अगस्त को 65 गांव की महापंचायत हुई। उसमें भी टोल नहीं देने एवं इसके खिलाफ आंदोलन करने पर सहमति बनी थी। 27 अगस्त को मामले को निपटाने के लिए एसडीएम ओमप्रकाश ने ग्रामीण, नेशनल हाइवे एवं टोल कंपनी को बुलाया था। इसमें सिर्फ ग्रामीण ही पहुंचे। दूसरी ओर टोल कंपनी दबाव बनाकर ग्रामीणों से टोल वसूलने का प्रयास कर रही है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि जब अभी तक टोल माफ था तो फिर अब वह क्यों टोल दें।

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