सुधार पर ब्रेक, रफ्तार भर रहे हादसे

जागरण संवाददाता फतेहाबाद सड़क हादसे होने के दो मुख्य कारण होते हैं। एक खुद की लाप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:20 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:20 AM (IST)
सुधार पर ब्रेक, रफ्तार भर रहे हादसे
सुधार पर ब्रेक, रफ्तार भर रहे हादसे

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : सड़क हादसे होने के दो मुख्य कारण होते हैं। एक खुद की लापरवाही तो दूसरी सड़कों में खामियां। इन खामियों के सुधार पर सरकारी तंत्र ने ब्रेक लगा रखा है जबकि सड़क हादसे रफ्तार भर रहे हैं। जिले में सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। उनके आंकड़ों का जिक्र करें तो जिले में 20 फीसद हादसे खामियों के कारण हो रहे है। यह खामी चाहे सड़क की हो या फिर व्यवस्था की। धुंध के समय हादसे इस कारण होते हैं कि खतरनाक मोड़ पर कुछ दिखाई नहीं देता और वाहन आपस में टकरा जाते हैं। जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि इन हादसों को रोका जाए। लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में जिला प्रशासन एक दिन मीटिग का आयोजन कर आदेश दिए जाएंगे कि व्यवस्था को दुरुस्त करे। लेकिन हकीकत जानने के लिए अधिकारी निरीक्षण तक नहीं करेंगे। करीब डेढ़ महीने पहले हांसपुर रोड पर दो कार की टक्कर में दो की मौत हो गई थी। अधिकारी मौके पर गए और खामियों को दूर करने की बात भी गई। लेकिन आज तक इस पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से काम करेगा तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। टूटे पड़े डिवाइडर, सूचना पट्ट तक नहीं

शहर के अंदर गुजरने वाली सड़कों की हालत खस्ता है। डिवाइडर जगह जगह टूटे पड़े हैं। ऐसे में यहां पर अधिकारी भी रहते है। हालांकि इन खतरनाक मोड़ के बारे में जिला प्रशासन को पता है। जिम्मेदार अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई जाती है लेकिन काम कुछ नहीं होता। शहर की बात करे तो मताना मोड़, बीघड़ मोड़, लघु सचिवालय के सामने, पुराना बस स्टैंड, रतिया रोड, भट्टू रोड आदि ऐसे खतरनाक प्वाइंट है जहां हादसो होने की संभावना है। लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए है। वही खतरनाक मोड़ है इसकी जानकारी के लिए सूचना पट्ट तक नहीं लगाए गए है। ऐसे में बाहर से आने वाले वाहन चालकों को कैसे पता चलेगा।

-------------------------------

फोरलेन में भी अनेक डेथ प्वाइंट

फोरलेन की बात करे तो शहर से निकलते ही हांसपुर चौक पर खतरनाक प्वाइंट है। हर पांच दिनों में यहां पर हादसा हो रहा है। यहां पर ट्रैफिक लाइट तक की व्यवस्था नहीं की है। वहीं मताना मोड़ पर ट्रैफिक लाइट लगाई गई थी वो भी खराब पड़ी है। गांव धांगड़ के पास लाइट लगाई गई ताकि रात के समय सिग्नल मिलता रहे। लेकिन वो भी खराब पड़ी है। यहीं हाल गांव बड़ोपल का भी जो सिग्नल लाइट खराब पड़ी है। इसके अलावा गांव खाराखेड़ी व भोड़ा होश्नाक में भी यही स्थिति है। अगर जल्द जिला प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो सर्दी व धुंध के मौसम में हादसों का आंकड़ा भी बढ़ जाएगा।

----------------------------------

शहर से गुजर रहे ओवरलोडेड वाहन

शहर में अक्सर भीड़ होती है। ऐसे में ओवरलोडेड वाहनों की एंट्री शहर में नहीं होनी चाहिए। लेकिन ऐसा चल रहा है। वीरवार को भी तूड़ी से भरे वाहन शहर से गुजर रहे थे। ऐसे में हादसा होने की संभावना रहती है। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे वाहनों की एंट्री बैन की जाए। अगर किसी को सामान लेकर जाना है तो रात के समय लेकर जाए ताकि हादसा ना हो।

chat bot
आपका साथी