आपराधिक मामलों में सुबूत इकट्ठा करने में नाकाम रह रही पुलिस, कोर्ट से बरी हो रहेअपराधी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद आपराधिक मामलों में पुलिस द्वारा स़बूत अच्छे से इकट्ठा न करने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 10:52 PM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 06:20 AM (IST)
आपराधिक मामलों में सुबूत इकट्ठा करने में नाकाम रह रही पुलिस, कोर्ट से बरी हो रहेअपराधी
आपराधिक मामलों में सुबूत इकट्ठा करने में नाकाम रह रही पुलिस, कोर्ट से बरी हो रहेअपराधी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

आपराधिक मामलों में पुलिस द्वारा स़बूत अच्छे से इकट्ठा न करने पर आरोपित आसानी से कोर्ट से छूट जाते हैं। जिसके बाद पुलिस प्रशासन की किरकरी होती है। ऐसा ही कुछ फतेहाबाद जिले में हो रहा है। जिला प्रशासन ने खुद माना है कि अधिकतर केसों में पुलिस के पास सुबूत न होने के कारण अपराधी आराम से बाहर आ जाते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उपायुक्त ने पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर दिशा-निर्देश दिए है। निर्देश में कहा गया है कि कोर्ट में मामला देने से पूरे पुलिस के पास पुख्ता सबूत होने चाहिए ताकि अपराधी बाहर ना आ सके। उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता ने मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय कक्ष में आयोजित चिह्नित अपराध योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। बैठक में मामलों से संबंधित बचाव साक्ष्य और तकनीकी कानूनी पहलुओं बारे विचार विमर्श किया गया।

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गंभीरता से की जाए जांच

उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि चिह्नित अपराध में कोर्ट में जाने से पहले अच्छी तरह जांच कर सनसनीखेज मामलों की रिपोर्ट बनाएं और की गई कार्यवाही बारे उन्हें अवगत करवाया जाए। पोक्सो एक्ट, 302, 307, 395, 376, 354, 304 बी, एनडीपीएस कमर्शियल, एमटीपी, पीसी एक्ट करप्शन मामले ये सभी चिह्नित अपराध के तहत आते हैं, आपराधिक मामलों में पर्चा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए।

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पुलिस बना रही कमजोर केस

बैठक में उपायुक्त ने खुद माना है कि देखने में आया है कि कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण कई बार अपराधी बच जाते हैं। साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के कारण ये केस न्यायालय में टिक नहीं पाते। इसलिए कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों में साक्ष्यों के बचाव और उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी संबंधित अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए। पुलिस को निर्देश दिए कि कोई मामला अगर आता है तो उस पर निष्पक्ष रुप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को गहनता से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिह्नित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह, डिप्टी डीए ओपी बिश्नोई, सेंट्रल जेल हिसार के डिप्टी अधीक्षक विक्रम सिंह, डीआइओ सिकंदर आदि मौजूद रहे।

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