चिल्लेवाल आबादी में नौ घरों को तोड़ने के नोटिस पर बिफरे मकान मालिकों ने लघु सचिवालय में पर दिया धरना
संवाद सहयोगी टोहाना उपमंडल के गांव चिल्लेवाल आबादी में जाखल प्रशासन द्वारा नौ घरों को तो
संवाद सहयोगी, टोहाना
उपमंडल के गांव चिल्लेवाल आबादी में जाखल प्रशासन द्वारा नौ घरों को तोड़ने का नोटिस देने पर इन परिवारों के लोगों ने बुधवार को लघु सिचवालय परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया।
वाल्मीकि समाज के ब्लाक प्रधान सूरजभान के नेतृत्व में आयोजित धरने पर महिलाएं भी शामिल थी। पीड़ित परिवारों की महिलाओं जसविद्र कौर व रामदुलारी का कहना है कि उन्हें जाखल के पटवारी ने नोटिस देकर उनके मकान 26 नवंबर को तोड़ने को कहा है। उनका कहना है कि वह लोग सन 1961 से हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से यहां आकर विस्थापित हुए थे। जबकि उनके नाम से पानी व बिजली के बिल, आधार कार्ड सहित सभी सरकारी दस्तावेज भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन उनकी यह मांग नहीं मानता तब तक वह अपना धरना जारी रखेंगे।
वाल्मीकि समाज के ब्लाक प्रधान सूरजभान ने बताया कि जब भाखड़ा डैम बनाई जा रही थी, तब इन परिवारों को सरकार द्वारा वहां से टोहाना के गांव चिल्लेवाल में जगह देकर अलाटमेंट दी गई थी। जिसपर वह 60 साल से अपना आशियाना बनाकर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पौषण कर रहे है। अब प्रशासन इन परिवारों को प्रताड़ित कर इन्हें बेघर करने पर तुला है। जबकि सरकार गरीबों को रहने के लिए मकान व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने गरीबों को उजाड़ने का प्रयास किया तो मजदूर संगठनों को मजबूरीवश यहां आकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।
उन्होंने इस संदर्भ में एसडीएम की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार रमेश कुमार को ज्ञापन दिया।
नायब तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि उनके ज्ञापन को वह आगामी कार्रवाई को लेकर एसडीएम को पहुंचा देंगे। लेकिन प्रदर्शनकारी इस बात से संतुष्ट ना होकर उन्होंने देर शाम को भी अपना धरना जारी रखा।