शहरवासियों पर 5 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स बकाया, कर्मचारियों को वेतन को पड़ सकते हैं लाले
विनोद कुमार फतेहाबाद नगरपरिषद में अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन का मुख्य साधन ह
विनोद कुमार, फतेहाबाद :
नगरपरिषद में अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन का मुख्य साधन हाउस टैक्स है। लेकिन पिछले तीन महीने से एक भी रुपये जमा नहीं हुआ है। अगर इस बार भी ऐसा हुआ तो जून महीने में वेतन के लाले पड़ जाएंगे। पिछले दिनों सरकार की तरफ से नप को वेतन के लिए 20 लाख रुपये दे दिए थे जो दो महीने का वेतन दे दिया गया है। अब कोरोना संकट चल रहा है। ऐसे में शहरवासी हाउस टैक्स भरने के लिए नहीं आ रहे है। अगर कोई आ रहा है तो उसे किसी प्रकार की जानकारी या फिर हाउस टैक्स की रकम नहीं बताई जा रही है। इस कारण व निराशा होकर अपने घर जा रहे हैं।
नगरपरिषद का शहरवासियों की तरफ 5 करोड़ रुपये से अधिक का हाउस टैक्स बकाया पड़ा है। यह टैक्स कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ता जा रहा है। सरकार की तरफ से सभी सरकारी कार्यालय खोलने के आदेश दिए थे। लेकिन नप में कार्यालय के दरवाजे तो खोल लिए लेकिन जो आमदनी आनी चाहिए थी उस पर मंथन तक नहीं किया। यही कारण रहा है कि पिछले तीन महीने से हाउस टैक्स का एक रुपये भी जमा नहीं हुआ है। अधिकारी खुद मान रहे है कि अगर हाउस टैक्स नहीं आएगा तो उनका वेतन रूक सकता हैं।
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ब्याज माफी का भी नहीं उठा पाए थे फायदा
सरकार ने पिछले साल चुनाव के बाद आदेश दिए थे कि जो हाउस टैक्स भरता है तो उसे विशेष छूट दी जाएगी। हाउस टैक्स न भरने की एवज में उस पर जितना भी ब्याज लगा है उसे माफ किया जाए। यह छूट 2010 से 2018 हाउस टैक्स के ब्याज में छूट दी जाएगी। इसके अलावा 2018-2019 के हाउस टैक्स के ब्याज पर 10 फीसद की छूट मिलेगी। इस छूट का फायदा भी शहरवासी नहीं उठा पाए। अब हर प्रकार की छूट को बंद कर दिया गया है। अब जो भी हाउस टैक्स लिया जाएगा वो बिना छूट के ही रहेगा।
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यह भी जानें
शहर में यूनिट : 26 हजार
आवास : 16 हजार
प्लॉट : 5 हजार
अन्य : 4 हजार
ये भी है : दुकानें, कमर्शियल जगह व सरकारी आवास।
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लॉकडाउन में छूट के बाद भी तैयार नहीं की रणनीति
नगरपरिषद के अधिकारियों को पता है कि उनकी आय का मुख्य साधन हाउस टैक्स है। जब सरकार ने लॉकडाउन 3 में छूट दी थी तो अधिकारियों को बैठक कर हाउस टैक्स के लिए रणनीति तैयार करनी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ लोग अब जानबूझकर हाउस टैक्स नहीं भरेंगे। नगरपरिषद के अधिकारियों को अगर हाउस टैक्स भरवाना है तो इसके लिए एक टीम का गठन करना होगा। नप के पास कर्मचारी भी है। अन्य काम ठप है ऐसे में हाउस टैक्स इकट्ठा करने के लिए टीम लगाई जा सकती है। इसके अलावा जो पिछले कई सालों से हाउस टैक्स नहीं भर रहा है तो उसे नोटिस दे। अगर नप यह काम जल्द कर पाया तभी शहरवासी हाउस टैक्स भरेंगे अन्यथा अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना वेतन के ही काम चलाना पड़ेगा।
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नप की आय का मुख्य साधन हाउस टैक्स ही है। पिछले तीन महीने से काम भी ठप पड़ा है। अब रणनीति तैयार की जा रही है। अगले कुछ दिनों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर टैक्स इकट्ठा किया जाएगा। कर्मचारियों का वेतन इसी टैक्स से निकलता हैं। शहरवासी भी अपना हाउस टैक्स कार्यालय में जमा करवा सकते है।
जितेंद्र कुमार,
ईओ, नगरपरिषद, फतेहाबाद।