Fatehabad: मोबाइल मेडिकल यूनिट में डाक्टर न होने से साबित नहीं हो रही कारगर

Fatehabad सामान्य बीमारियों की जांच और उपचार करवाने के लिए मरीजों को अस्पताल तक न पहुंचना पड़े इसके लिए सरकार ने जिले को तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट दी थी। फतेहाबाद को तीन मोबाइल यूनिट मिली जिसकी लागत करीब 51 लाख रुपये बताई जा रही है।

By Vinod KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Nov 2022 05:33 PM (IST) Updated:Tue, 22 Nov 2022 05:36 PM (IST)
Fatehabad: मोबाइल मेडिकल यूनिट में डाक्टर न होने से साबित नहीं हो रही कारगर
Fatehabad: मोबाइल मेडिकल यूनिट में डाक्टर न होने से साबित नहीं हो रही कारगर : जागरण

फतेहाबाद, जागरण संवाददाता: सामान्य बीमारियों की जांच और उपचार करवाने के लिए मरीजों को अस्पताल तक न पहुंचना पड़े इसके लिए सरकार ने जिले को तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट दी थी। दरअसल, कोरोना संकट आने के कारण लेाग बीमार अधिक हो रहे थे। ऐसे में अस्पताल आने में मरीजों को परेशानी हो रही थी। इसके चलते कोरोना की लहर आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए प्रदेश में ये मोबाइल यूनिट दी गई थी।

फतेहाबाद को तीन मोबाइल यूनिट मिली, जिसकी लागत करीब 51 लाख रुपये बताई जा रही है। इस साल अप्रैल महीने में इन मोबाइल यूनिटों का शेड्यूल बना दिया गया। एक मोबाइल यूनिट को दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़े गए, ताकि सभी गांवों में यह मोबाइल वैन जा सके। पिछले साल महीनों से यह मोबाइल वैन चल रही है, लेकिन इसका फायदा कम ही नजर आ रहा है।

हालांकि सामान्य ओपीडी अवश्य हुई है। जिले में अब तक तीनों मोबाइल वैन में 1028 ओपीडी हुई है, लेकिन ये सामान्य ओपीडी है। जिसमें बुखार, जुकाम व खांसी से संबंधित अधिक रोगी है। इस मोबाइल वैन में हर प्रकार की सुविधा है, लेकिन चलाने के लिए डाक्टर नहीं है। इस कारण यह कारगर साबित नहीं हो रही है। अब मोबाइल वैन पिछले सात दिनों से बंद पड़ी है। दरअसल, यहां पर सीएचओ लगाए गए थे। लेकिन अब इनकी ट्रेनिंग चल रही है। इस कारण मरीजों की जांच नहीं हो रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जल्द ही इन मोबाइल यूनिट को चला दिया जाएगा। लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब इसमें डाक्टर होंगे।

इन स्टाफ की जरूरत

इस मोबाइल मेडिकल यूनिट में डाक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट व लैब तकनीशियन होने चाहिए। इसके अलावा अंदर ही ब्लड जांच के लिए लैब भी है। ये ही नहीं मोबाइल मेडिकल यूनिट में जनरेटर भी है, ताकि बिजली की कमी को लेकर सुविधा प्रभावित न हो सके। मोबाइल मेडिकल यूनिट एनएचएम का कार्यक्रम है। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट स्लम बस्ती के अलावा गांवों में जा रही है, लेकिन डाक्टर न होने के कारण इसका फायदा नहीं हो रहा है।

यहीं कारण है कि अब भी गांव के मरीज अस्पतालों में आ रहे है। उम्मीद है कि जल्द ही इन मोबाइल यूनिट में डाक्टरों की टीम तैनात होगी और मरीजों को फायदा होगा। इस मोबाइल यूनिट में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि जिन्हें गंभीर बीमारी है उनका इलाज नहीं किया जा रहा है बल्कि फतेहाबाद भेजा जा रहा है। यहां अब केवल दवाइयां व नार्मल चेकअप हो रहा है।

कहा कितनी हुई है ओपीडी

भट्टूकलां व बड़ोपल : 386

रतिया व भूथन : 429

जाखल व भूना : 213

कुल ओपीडी : 1028

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