दो साल बाद नरमा का भाव छह हजार पहुंचा

इंतजार का फल मीठा होता है। इसका आनंद वे किसान ही ले सकते हैं जो फसल का स्टॉक करने में समर्थ है। यानि जिन्होंने नरमा पहले नहीं बेचा उन नरमा उत्पादक किसानों की चांदी हो गई हैं। इसकी वजह है कि पिछले एक सप्ताह में नरमा के भाव में 500 रुपये प्रति क्विंटल तक इजाफा हुआ है। इससे किसानों को फायदा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 07:18 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 07:18 AM (IST)
दो साल बाद नरमा का भाव छह हजार पहुंचा
दो साल बाद नरमा का भाव छह हजार पहुंचा

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

इंतजार का फल मीठा होता है। इसका आनंद वे किसान ही ले सकते हैं जो फसल का स्टॉक करने में समर्थ है। यानि जिन्होंने नरमा पहले नहीं बेचा उन नरमा उत्पादक किसानों की चांदी हो गई हैं। इसकी वजह है कि पिछले एक सप्ताह में नरमा के भाव में 500 रुपये प्रति क्विंटल तक इजाफा हुआ है। इससे किसानों को फायदा हुआ है।

हालांकि नरमा का स्टॉक अब बहुत कम किसानों के पास है। ऐसे में यह भाव की बढ़ोतरी और होगी। इस बार सरकार खरीद बढ़ी तो नरमा के भाव भी बढ़ने शुरू हो गए। अन्यथा नरमा के भाव में बढ़ोतरी मार्च व अप्रैल में होती है। लेकिन इस बार जनवरी के शुरूआत में नरमा का भाव 6 हजार के पहुंच गए।

बुधवार को जिले की भट्टू व आदमपुर मंडी में सीसीआइ यानि कपास निगम लिमिडेट के अधिकारी फसल खरीदने तो आए थे। लेकिन वे तो 8 फीसद नमी वाले नरमा का भाव 5665 रुपये निर्धारित के अनुसार खरीद रहे थे। वहीं मंडी के व्यापारियों व कॉटन फैक्ट्री के मालिकों ने नरमा का भाव 5940 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बोली लगाई। जो 6 हजार से महज 60 रुपये कम हैं। जो इस सीजन का सबसे अधिक भाव है। यह भाव प्राइवेट फर्म संचालकों ने बढ़ाया हैं। जबकि सरकारी खरीद पर अभी भी 5665 रुपये प्रति क्विंटल का भाव है। वहीं मार्केट के जानकारों का कहना है कि यह भाव इतना दो साल बाद बढ़ा है। इतना भाव मार्च 2018 में हुआ था। इसके बाद नरमा के भाव में इतने बढ़ोतरी नहीं हुई। वहीं मार्च तक तो नरमा का भाव में यही तेजी रही तो 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगा।

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जिले में 72 हजार हेक्टेयर में नरमा की खेती :

जिले में 72 हजार हेक्टेयर में नरमा की गई थी। इसमें से अब तक 6 लाख 80 हजार 506 क्विंटल फसल खरीद की गई है। हालांकि यह खरीद इसलिए इतनी अधिक ऑन रिकार्ड हुई है। इसकी वजह सरकारी खरीद है। अन्यथा पहले निजी खरीदार मार्केट फीस न भरने के लिए इस सीधा खरीद लेते थे। गत वर्ष पूरे सीजन में नरमा की खरीद 5 लाख क्विंटल ही हुई थी।

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किसान आदमपुर लेजाकर बेच रहे नरमा :

फतेहाबाद की मंडियों के मुकाबले आदमपुर में नरमा का भाव तेज है। ऐसे में किसान फतेहाबाद फसल बेचने की बजाए सीधे साथ लगती आदमपुर मंडी में फसल बेच रहे है। वहां पर फतेहाबाद के मुकाबले 100 रुपये प्रति क्विंटल तक अंतर है। इसकी वजह है कि फतेहाबाद में खरीदार महज 2 फैक्ट्री संचालक है। भट्टू मंडी में भी ज्यादा खरीदार न होने के कारण किसानों को अपनी फसल आदमपुर ले जानी पड़ती है।

----------------------------- नरमा का भाव लगातार बढ़ रहा है। इससे अब किसानों को फायदा होगा। बुधवार को जिले में 154 क्विंटल नरमा की मंडी में आवक हुई। सभी नरमा की खरीद प्राइवेट डीलरों ने की। भाव बढ़ने के चलते किसान भी सीसीआई के बजाए निजी प्राइवेट खरीदारों को अपनी फसल बेच रहे हैं।

- संजीव सचदेवा, सचिव, मार्केट कमेटी, फतेहाबाद।

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