कांग्रेसी दिल है कि जुड़ता ही नहीं

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद शुक्रवार। गांव गिल्लांखेड़ा। अपेक्षा से ज्यादा गर्म दोपहरी। एक तो मौसम में अ

By Edited By: Publish:Sat, 28 Mar 2015 06:38 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2015 06:38 PM (IST)
कांग्रेसी दिल है कि जुड़ता ही नहीं

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद

शुक्रवार। गांव गिल्लांखेड़ा। अपेक्षा से ज्यादा गर्म दोपहरी। एक तो मौसम में अचानक उछाल से उमस और उसपर सियासी हलचल की तपन। चैत का आखिरी पक्ष जेठ की गर्मी का अहसास दे रहा था। गांव में बेमौसम सियासी सरगर्मी इसलिए बनी थी कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा के आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले थे। सो, चढ़ते पारे की परवाह किये बगैर कांग्रेसियों का जमावड़ा जायज भी था।

यहां कांग्रेस की नई संस्कृति का दर्शन हुआ। जिला मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय से दूर व्यक्ति विशेष के आवासीय परिसर में अपने कुछ अनुयायी कांग्रेस जनों को संबोधित करने की नई परिपाटी। सिरसा में अगर रणजीत सिंह के आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई तो फतेहाबाद के कार्यकर्ता प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा के घर। बताने की जरूरत नहीं कि कार्यकर्ताओं का एक बड़ा तबका हुडडा की अगुवाई वाली बैठक से दूर रहा। यह वही वर्ग था जिसके आका व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर गिल्लांखेड़ा में हुड्डा की बैठक के लिए निर्धारित समय से ऐन पहले छातर गांव की ओर निकल रहे थे। बताया गया है कि सिरसा में तो तंवर का पुतला फूंकने का भी कार्यक्रम हुड्डा समर्थकों ने बना लिया।

ये तमाम बातें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के हरियाणा दौरे के सप्ताह दिन बाद ही हो रही हैं। किसानों के हित की बात करने जिस दिन सोनिया आई थीं, सारे धुरंधर मौजूद थे और एकजुटता का संदेश दे रहे थे। लेकिन अब तो पार्टी के ही एक खेमे से यह आवाज भी उठ रही है कि मैडम का आना भी सार्थक नहीं हो सका। टूटे दिल लिए हर नेता अपनी डफली पर अपना राग अलाप रहा है। बेशक, पार्टी के कई पुराने नेताओं को यह राग बेसुरा लग रहा है।

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पार्टी का नहीं, निजी कार्यक्रम : तंवर

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सिरसा व फतेहाबाद के गिल्लांखेड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा ली गई मीटिंग को पार्टी की मीटिंग मानने से इंकार कर दिया है। उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि ऐसी बैठकों का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। दोनों ही जगहों पर हुई मीटिंग उनका निजी कार्यक्रम था, पार्टी का नहीं।

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