धरने पर बैठे किसान की हालत बिगड़ी

- रात को धरना स्थल पर ही सोते हैं किसान - ठंड के कारण बिगड़ी है किसान की तबीयत फोटो 06 जागरण स

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 12:58 AM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 12:58 AM (IST)
धरने पर बैठे किसान की हालत बिगड़ी

- रात को धरना स्थल पर ही सोते हैं किसान

- ठंड के कारण बिगड़ी है किसान की तबीयत

फोटो 06

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : लघु सचिवालय के सामने मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसानों को ठंड परेशान करने लगी है। ठंड के कारण मताना किसान निवासी सुभाष की हालत बिगड़ गई है। उसे सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद किसानों में रोष बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि हुडा प्रशासन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा। इसलिए यह नौबत आई है। किसान संघर्ष समिति के प्रधान महेश नागपाल, किसान नेता सुरेद्र सैनी, कृष्ण मताना व महेद्र ने बताया कि किसान बारी बार से धरना स्थल पर सोते हैं। हर रोज पांच किसानों की बारी होती है। सुभाष भी रात को धरने पर सोया हुआ था। सुबह करीब पांच बजे उसे कंपकंपी शुरू हो गई और बुखार हो गया। वह बोल पाने में असमर्थ था। इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया। किसान संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि धरने पर पहले भी कई किसानों की हालात बिगड़ चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन व सरकार किसानों की जायज माग को पूरा करने में आनाकानी कर रही है। सुरेद्र सैनी ने बताया कि किसान संघर्ष समिति दो बार सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिल चुकी है। सीएम ने किसानों की माग को जायज बताते हुए सिक्योरिटी के साथ पेमेंट लेने को कहा। इसके बाद किसानों ने अपनी जमीनों व प्लॅाटों की सिक्योरिटी तैयार करवारकर हुडा के भूमि अर्जन अधिकारी कार्यालय में जमा करवा दी। 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन हुडा अधिकारी खातों में राशि डलवाने को तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों को न्याय मिल पाना मुश्किल हो गया है। किसान संघर्ष समिति ने ऐलान कर दिया है कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। किसान अपनी जान देने कि लिए भी तैयार है।

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क्या है मामला

वर्ष 2008 में फतेहाबाद, मताना व भीवा बस्ती की जमीन हुडा द्वारा अधिग्रहण की गई थी। 755 एकड़ के इस रकबे के लिए किसानों को नाम मात्र राशि दी गई थी, जिसमें किसानों को मात्र 9 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अवार्ड दिया गया। किसानों ने कोर्ट में दावा डाला। जिस पर जिला न्यायधीश अश्विनी गोयल की अदालत ने 24 दिसंबर 2013 को किसानों को 965 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा बढ़ाने का फैसला सुनाया। किसानों को यह राशि 24 मार्च 2014 तक दिए जाने के आदेश दिए। 11 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद किसानों को यह राशि नहीं दी गई। इसलिए किसान विरोध में लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे हैं।

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