हत्या मामले में गवाह को टपकाने के लिए फरार हुआ था विकास दलाल

फरीदाबाद के बादशाह खान अस्पताल से फरार हुआ बदमाश झज्जर में एक हत्या के मामले में गवाह की हत्या करने के उद्देश््य से भागा है। उसे भगाने में अहम भूमिका निभाने वाले सात अपराधियों ने पकड़े जाने पर कबूली की उक्त बात।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Oct 2018 06:20 PM (IST) Updated:Mon, 29 Oct 2018 06:20 PM (IST)
हत्या मामले में गवाह को टपकाने के लिए फरार हुआ था विकास दलाल
हत्या मामले में गवाह को टपकाने के लिए फरार हुआ था विकास दलाल

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : आठ अक्टूबर को राजकीय बादशाह खान जिला नागरिक अस्पताल में इलाज के दौरान नीमका जेल की सुरक्षा गारद की गिरफ्त से फरार हुआ बदमाश विकास दलाल झज्जर में हत्या के मामले में गवाह को टपकाना चाहता है। उसे भगाने में अहम भूमिका निभाने वाले सात साथियों को क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्हीं ने विकास के मंसूबे पुलिस को बताए हैं। इनमें गांव छपरौला पलवल निवासी संदीप, गांव रोहना मुजफ्फरनगर यूपी निवासी आशीष, गांव कसौली मुजफ्फरनगर निवासी क¨वदर, गांव हतानी छाता मथुरा यूपी निवासी सोहन ¨सह, गांव पलवल निवासी प्रशांत, गांव बहराणा झज्जर निवासी प्रदीप उर्फ धोला, गांव सिलौरी कोसी मथुरा निवासी हासिम शामिल हैं। सभी आरोपितों को पूछताछ के बाद जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। विकास अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस का दावा है कि विकास भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 प्रभारी संदीप मोर ने बताया कि विकास बहादुरगढ़ के कुख्यात मंजीत महाल गिरोह का शार्प शूटर है। 17 अप्रैल 2018 को उसने अपने गांव (रेवाड़ी खेड़ा, झज्जर) निवासी सुनील की हत्या करा दी थी। सुनील का भाई सेवाराम इस मामले में गवाह है। विकास उसे रास्ते से हटाना चाहता है, ताकि गवाही ना हो और वह सजा से बच जाए। उसने तिहाड़ जेल से ही सेवाराम के ऊपर जानलेवा हमला कराया था। अब जेल से उसके भागने के पीछे भी यही वजह बताई जा रही है। पकड़े गए आरोपितों से फरारी में इस्तेमाल कोरोला व स्विफ्ट कार, एक पल्सर मोटरसाइकिल, तीन कट्टे, 10 कारतूस बरामद हुए हैं। इनमें संदीप विकास का खास दोस्त है। गुरुग्राम जेल में दोनों की पहचान हुई थी। उसने ही विकास के फरार होने पूरी योजना बनाई। हासिम ने बदमाशों को असलहा उपलब्ध कराया। प्रदीप उर्फ धोला ने लड़कों का बंदोबस्त किया। बाकी 10 से 15 हजार रुपये दिए जाने का वादा कर साथ मिलाए गए।

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