महिला सशक्तीकरण को बलवती कर रही हैं लक्ष्मी
अरावली की वादियों में चल रहे 33वें सूरजकुंड मेले में कर्नाटक के मैसूर से आई लक्ष्मी की लकड़ी पर उभारी गई सीनरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। लड़की पर तैयार की गई चित्रकारी के जरिए वह अन्य महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त करने का कार्य भी कर रही है।
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : अरावली की वादियों में चल रहे 33वें सूरजकुंड मेले में कर्नाटक के मैसूर से आई लक्ष्मी की लकड़ी पर उभारी गई सीनरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। लड़की पर तैयार की गई चित्रकारी के जरिए वह अन्य महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त करने का कार्य भी कर रही है। ग्रामीण संस्कृति को दर्शाने वाली सीनरी के लिए लक्ष्मी को वर्ष 2000 में राज्यस्तरीय अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। विश्व में यह कला वुड इन ले के नाम से जानी जाती है।
लक्ष्मी ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी कार्य है और वह खुद 30 सालों से लड़की पर चित्रकारी का कार्य कर रही हैं। लकड़ी के छोटे-छोटे पट्टों को जोड़कर बैकग्राउंड तैयार करती है। इसके बाद प्रकृति से संबंधित, भगवान सहित विभिन्न प्रकार की सीनरी को उभारा जाता है। लकड़ी पर बारीक काम होने की वजह से एक सीनरी को तैयारी करने में महीने भर का समय लगता है। इस कार्य को करने के लिए उनके पास 30 महिलाओं एक टीम है। उन्होंने बताया कि वह महिलाओं के घर पर कच्चा माल छोड़कर आती हैं और कलाकृति तैयार होने के बाद खुद घर लेकर आती है। अंत में वह महिलाओं द्वारा लकड़ी पर तैयार की गई कलाकृतियों में रंगों भरने की बजाया रंग बिरंगी लकड़ियों का इस्तेमाल करती हैं। सीनरी तैयार होने बाद सजीव सी लगने लगती है। मानो उसमें रंगों को इस्तेमाल किया हो। दीवार पर लटकने के बाद चार चांद लगाने का कार्य करती है। महिलाओं को आगे लाना है लक्ष्य
लक्ष्मी ने बताया कि पुरुष दूसरे जिले में जाकर मेहनत मजदूरी करके जीवनयापन कर सकता है, लेकिन एक गांव की महिला परिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक लोकलाज के कारण घर से निकलने से कतराती हैं। ऐसी महिलाओं को यदि घर पर रोजगार मिल जाए, वह पुरुषों की अपेक्षा बेहतर कार्य करती हैं। विदेशों में भी है मांग
लक्ष्मी ने बताया कि वुड इन ले की मांग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। लड़की पर तैयार की गई सीनरी की मांग अमेरिका, जर्मनी, पुर्तगाल, पेरिस जैसे देशों में भी इसकी बहुत मांग है और एक सीनरी पांच लाख रुपये तक बिक जाती है।