निकिता के स्वजनों ने कहा, 2018 में दबाव देकर लिखवाया था हलफनामा

साल 2018 में दर्ज हुए निकिता के अपहरण के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:36 PM (IST)
निकिता के स्वजनों ने कहा, 2018 में 
दबाव देकर लिखवाया था हलफनामा
निकिता के स्वजनों ने कहा, 2018 में दबाव देकर लिखवाया था हलफनामा

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : साल 2018 में दर्ज हुए निकिता के अपहरण के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। निकिता के स्वजनों ने कहा है कि उनसे दबाव देकर कार्रवाई ना कराने का हलफनामा लिया गया था। शुक्रवार को एसआइटी ने इस मामले की फाइल अपने पास मंगवा ली। अब अदालत से इजाजत लेकर मुकदमे की नए सिरे से जांच होगी। यह मुकदमा 2 अगस्त 2018 को निकिता के पिता मूलचंद की शिकायत पर सिटी बल्लभगढ़ थाने में आरोपित तौशीफ के खिलाफ दर्ज हुआ था। शिकायत में मूलचंद ने कहा था कि आरोपित तौशीफ निकिता को कार में अपहरण कर ले गया है। पुलिस ने कुछ समय बाद ही निकिता को बरामद कर लिया था। निकिता के स्वजनों की तरफ से अदालत में कार्रवाई ना कराने का हलफनामा दिए जाने के बाद मुकदमा खत्म हो गया था। गत 26 अक्टूबर को आरोपित तौशीफ ने दोबारा निकिता के अपहरण की कोशिश की और असफल रहने पर गोली मारकर हत्या कर दी।

निकिता के स्वजनों ने डीसीपी बल्लभगढ़ को पत्र लिखकर कहा है कि साल 2018 में तौशीफ के स्वजनों ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए उन पर समझौते के लिए दबाव डाला था। दबाव में उन्होंने अदालत में हलफनामा दिया। उन्होंने डीसीपी से उस मामले की जांच भी नए सिरे से कराने की मांग की। एसआइटी जांच करेगी कि निकिता के स्वजनों ने किन परिस्थितियों में हलफनामा दिया। उन पर किसी तरह का दबाव तो नहीं था। उस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। बृहस्पतिवार को गृहमंत्री अनिल विज ने भी साल 2018 में दर्ज हुए अपहरण के मुकदमे की नए सिरे से जांच के निर्देश दिए थे। नहीं दर्ज हो पाए निकिता की सहेली के बयान

हत्याकांड की चश्मदीद गवाह निकिता की सहेली के इकबालिया बयान शुक्रवार को दर्ज नहीं हो पाए। एसआइटी बयान दर्ज कराने के लिए निकिता की सहेली को लेकर पहुंची थी, मगर तकनीकी वजह से बयान नहीं हो पाए। अब शनिवार को बयान होंगे।

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