Faridabad: IFS अधिकारी की बेटी ने UPSC में हासिल की 95वीं रैंक, पहली बार में क्लीयर नहीं हुआ था प्री-लिम्स
औद्योगिक जिले में मौसी के घर रही सृष्टि मिश्रा ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग UPSC) की परीक्षा में 95वां स्थान हासिल कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट सृष्टि मिश्रा ने अपने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। सृष्टि के पिता आदर्श कुमार मिश्रा भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं और ब्राजील में नियुक्त हैं।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। औद्योगिक जिले में मौसी के घर रही सृष्टि मिश्रा ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग, UPSC) की परीक्षा में 95वां स्थान हासिल कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट सृष्टि मिश्रा ने अपने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।
सृष्टि के पिता आदर्श कुमार मिश्रा भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं और ब्राजील में नियुक्त हैं। मूलरूप में यूपी के जौनपुर की निवासी सृष्टि यहां ग्रेटर फरीदाबाद में अमोलिक सोसाइटी में रहने वाली अपनी मौसी सुनीता पांडेय के यहां रहती है।
दैनिक जागरण से क्या बोलीं सृष्टि
दैनिक जागरण से बातचीत में सृष्टि ने बताया कि उनके परिवार का यह सपना था कि बेटी यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण हो और आईएएस-आईपीएस अधिकारी बन कर देश की सेवा करें, आम आदमी की सेवा करें। आईएएस में नंबर आ गया तो ठीक, नहीं तो आईपीएस अधिकारी बनने पर भी मुझे संतुष्टि होगी।
पति से मिली प्रेरणा
आठ से दस घंटे तक नियमित पढ़ाई करने वाली सृष्टि ने पिता को बड़े पद पर नियुक्त होने के बाद ही यह प्रेरणा मिली कि यूपीएससी की परीक्षा देकर वो भी बड़ी अधिकारी बने। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी सृष्टि के पिता भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के रूप में विदेश में तैनात रहे तो परिवार से अलग होकर सृष्टि ने मौसी के घर में रह कर पहले स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
पहले प्रयास में प्री-लिम्स भी क्लीयर नहीं हुआ
पहले प्रयास में सृष्टि प्री-लिम्स भी क्लीयर नहीं कर पाई, पर हिम्मत हारने की बजाय अगले ही दिन से दूसरे प्रयास की कड़ी तैयारी में जुट गई। अब नतीजा सबके सामने है। सृष्टि ने बताया कि आज दोपहर करीब डेढ़ बजे पता चला कि परिणाम जारी हो गया है। इसके बाद उसने वेबसाइट पर जाकर सफल अभ्यर्थियों की सूची देखी तो उसमें 95वें नंबर पर अपना नाम पाया।
इसके बाद सृष्टि ने ब्राजील फोन कर माता-पिता को सूचित कर यह खुशखबरी सुनााई। सृष्टि के अनुसार, जब वो पढ़ते हुए थक जाती थी तो खुद को विश्राम देने और तरोताजा करने के लिए नावल पढ़ती थीं और क्लासिकल डांस करती थी।
सृष्टि ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद के साथ-साथ अपनी तीन मौसियों सुनीता पांडेय, अनीता मिश्रा व सोनी त्रिपाठी, मौसेरे भाई उपेंद्र पांडेय व मौसी के परिवार के अन्य सदस्यों को दिया। सृष्टि ने कहा कि इन सब मौसियों ने मां की कमी नहीं खलने दी और जैसे कि मौसी मां सी होती है, उससे भी बढ़ कर खाने-पीने, रहने का ख्याल रखा। परिणाम आने के बाद सृष्टि मां दुर्गा के मंदिर गई और नवरात्र पर मां जगदंबा का धन्यवाद किया।