Faridabad: घर में बना रहे थे ड्रग्स फैक्ट्री, तेज धमाका हुआ तो ऐसे खुला नाइजीरियाई नागरिकों का राज

फरीदाबाद सेक्टर-46 के एक मकान को किराए पर लेकर नाइजीरियाई नागरिक नशीला पदार्थ बनाने की तैयारी कर रहे थे। बृहस्पतिवार रात को जब यहां काम हो रहा था तब धमाका हुआ और मकान की खिड़कियों के शीशे चटक गए। इससे पहले की कि किसी को कुछ पता चले उससे पहले ही ऐसा करने वाले फरार हो गए। जानकारी अनुसार मकान मालिक ने किराएदार सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी।

By Jagran NewsEdited By: Pooja Tripathi Publish:Fri, 29 Mar 2024 08:06 AM (IST) Updated:Fri, 29 Mar 2024 08:06 AM (IST)
Faridabad: घर में बना रहे थे ड्रग्स फैक्ट्री, तेज धमाका हुआ तो ऐसे खुला नाइजीरियाई नागरिकों का राज
फरीदाबाद पुलिस कर रही मामले की जांच। जागरण

HighLights

  • सेक्टर-46 में एक मकान किराये पर लेकर हो रहा था काम
  • धमाके के बाद फरार हुए आरोपित
  • ग्रेटर नोएडा में पिछले साल ऐसे दो मामले आए थे सामने

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सेक्टर-46 के एक मकान को किराए पर लेकर नाइजीरियाई नागरिक नशीला पदार्थ बनाने की तैयारी कर रहे थे।

बृहस्पतिवार रात को जब यहां काम हो रहा था, तब धमाका हुआ और मकान की खिड़कियों के शीशे चटक गए। इससे पहले की कि किसी को कुछ पता चले, उससे पहले ही ऐसा करने वाले फरार हो गए। जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार मकान मालिक ने किराएदार सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी।

पहले लोगों को लगा सिलिंडर फटा लेकिन जब...

सेक्टर-46 में जहां नाईजीरियाई नागरिक रहता थे, वह कोने का मकान है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात आठ बजे का समय था, जब रात्रि भोजन करने के बाद टहलने के लिए निकले थे।

इस दौरान मकान नंबर 790 में धमाका हुआ। धमाके की वजह से खिड़की के शीशे टूट गए थे। जब इस मकान में धमाका हुआ तो दूर तक सुनाई दिया। लोग घरों से बाहर निकल आए। उन्हें लगा कि शायद किसी का सिलेंडर फटा है।

नाइजीरियाई नागरिकों को निकलते देखा तो लोगों ने...

कुछ देर बाद इस मकान में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिक बैग लेकर निकलते दिखाई दिए। लोगों ने बताया कि नाइजीरियाई लोगों को यहां कम देखा गया था। वह अपने घर से बहुत कम निकलते थे। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।

मौके पर पहुंची सूरजकुंड थाना पुलिस को अंदर प्लास्टिक जार के टुकड़े बिखरे हुए मिले। केमिकल कमरे के फर्श पर फैला हुआ था।

पानी गर्म करने वाली मशीन पर रखे कांच के दो जार रखे हुए थे। इनमें मोटी प्लास्टिक के दो पाइप पंखे के ऊपर से लकड़ी के स्टैंड से गुजरते हुए एक जार से दूसरे जार में लटकी हुई थी। कमरे में काफी प्लास्टिक की बाल्टी, बोतल, केमिकल की छोटी-बड़ी नीली वा सफेद रंग की कैन, पालीथिन में सफेद रंग का पाउडर व अन्य सामान मिला।

पूरी लैब विकसित होने का अनुमान

इसी से प्रतीत होता है कि यहां पूरी लैब विकसित की हुई थी। इन सभी से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि यहां कोई नशीला पदार्थ तैयार किया जा रहा था। यह सब देख कर थाना पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों काे सूचित किया।

बाद में डीसीपी कुलदीप, एसीपी विष्णु प्रसाद, एफएसएल प्रभारी डा.मनीषा टीम के साथ पहुुंचे। ड्रग नियंत्रक करण गोदारा को भी बुला लिया गया। गहराई से निरीक्षण के बाद सैंपल लिए गए।

मौके पर यह मिला सामान

पुलिस टीम ने मौके से लकड़ी के तीन स्टैंड, 10 सफेद द्रव्य से भरी बोतल, हाईड्रोक्लोरिक एसिड, पांच-पांच लीटर की कई कैन, जिन पर एसिटोन, टोलयूनी, हाईपो लिखा हुआ था।

एक नाकोडा लिखी बाल्टी, दो शीशे के जार, 80 लीटर की पानी की टंकी, एक वजन तोलने वाला कांटा सहित अन्य काफी सामान बरामद किया गया। इसके अलावा सफेदर पाउडर व प्लास्टिक की पालीथिन में मिला सफेद नशीला पदार्थ बरामद किया। इनका वजन करीब 460 किलोग्राम निकला।

ग्रेटर नोएडा से हो सकता है लिंक

इस तरह के दो मामले ग्रेटर नोएडा में पिछले साल 16 मई और 31 मई को सामने आए थे, जब 13 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर काफी मात्रा में ड्रग्स बरामद की थी।

सूरजपुर में आरोपितों ने पूरी फैक्ट्री लगाई हुई थी। इस मामले को उससे भी जोड़ कर देखा जा रहा है, हालांकि यहां एक कमरे में बहुत छोटे स्तर पर नशीले पदार्थ की लैब थी लेकिन यह काम बड़े स्तर पर भी शुरू होने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

पुलिस के सामने भी अब यह बड़ी चुनौती है कि मामले की गहराई से जांच कर सच्चाई सामने लाए कि आखिर यहां क्या बनाने की तैयारी हो रही थी। इस मामले में संलिप्त नाइजीरियाई नागरिकों की गिरफ्तारी से ही पुख्ता जानकारी सामने आएगी कि यह रैकेट कितना बड़ा है।

निश्चित रूप से यह मामला बेहद गंभीर है। आसपास सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। इनकी लैब में जो भी सामान मिला, उसकी गहनता से जांच की जा रही है। क्राइम ब्रांच की विभिन्न टीमें नाइजीरियाई की तलाश में जुट गई हैं। जांच रिपोर्ट आने और आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही कुछ नतीजे पर पहुंच सकेंगे। -विष्णु प्रसाद, एसीपी एनआइटी

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