बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की हत्या

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की हत्या हो गई

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Mar 2018 07:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Mar 2018 07:45 PM (IST)
बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के  मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की हत्या
बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की हत्या

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की हत्या हो गई है। पिछले करीब एक महीने से गायब चल रहे ब्रह्मजीत की हत्या उसके जिगरी दोस्त राजीव भाटी ने अपनी सहायक स्वाति सेठी के साथ उसी दिन गोली मारकर कर दी थी, जिस दिन उसका फरीदाबाद से अपहरण किया गया था। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने होडल (पलवल)में राजीव के फार्म हाउस में 10 फुट जमीन खोदकर ब्रह्मजीत का कंकाल बरामद कर लिया है।

आरोपित राजीव भाटी मुनीरगढ़ी पलवल का निवासी है और प्रॉपर्टी डीलर है। फरीदाबाद व गुरुग्राम में उसके कार्यालय हैं। ब्रह्मजीत से उसकी पुरानी दोस्ती थी। राजीव की ब्रह्मजीत के गांव बुढ़ैना में ससुराल है। दोनों मिलकर प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त का काम करते थे।

वहीं जवाहर नगर कैंप पलवल निवासी स्वाति सेठी पिछले सात-आठ सालों से राजीव के साथ काम करती है। ब्रह्मजीत के परिजनों के अनुसार आरोपित ने 10 करोड़ की देनदारी से बचने के लिए हत्या की साजिश रची। वहीं पुलिस का कहना है कि राजीव को तीन-चार महीने पहले ब्रह्मजीत ने थप्पड़ मार दिया था। उसका बदला लेने के लिए उसने हत्या की।

मिलन वाटिका के पास से हुआ था गायब

27 फरवरी को ब्रह्मजीत सेक्टर-11 मिलन वाटिका के सामने से लापता हुआ था। सीसीटीवी में वह लाल रंग की ब्रेजा कार में बैठकर जाता दिखा था। वह कार राजीव की थी। शव दफन करने के बाद उन्होंने कार को जयपुर राजस्थान में ले जाकर फूंक दिया था। वहीं जिस पिस्तौल से गोली मारी, उसे आगरा नहर में फेंक दिया था। मामले की जांच पुलिस की मिसिंग सेल को सौंपी गई। मि¨सग सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सतेंद्र रावल मामले की जांच में जुटे हुए थे। सभी एंगल पर जांच करने के बाद आखिर शक की सुई राजीव भाटी पर टिक गई। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया।

गौरतलब है कि साल 1999 में हुए बहुचर्चित चौहरे हत्याकांड में ब्रह्मजीत मुख्य आरोपित था। साल 2004 में जिला अदालत ने उसके साथ तीन अन्य को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की सुनवाई दोबारा हुई, जिसमें अदालत ने उसे बरी कर दिया था।

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