दुष्कर्म पीड़िता की जांच में जरूरी होगा गर्भधारण टेस्ट

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नूंह में एक अस्पताल की लापरवाही के चलते दुष्कर्म पीड़िता किशोर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Oct 2017 08:39 PM (IST) Updated:Sun, 29 Oct 2017 08:39 PM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता की जांच में जरूरी होगा गर्भधारण टेस्ट
दुष्कर्म पीड़िता की जांच में जरूरी होगा गर्भधारण टेस्ट

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नूंह में एक अस्पताल की लापरवाही के चलते दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को अनचाहा बच्चा पैदा करना पड़ा था। अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल जांच के दौरान किशोरी का गर्भधारण टेस्ट नहीं किया था। इस तरह के मामलों की पुनरावृति रोकने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इन्हीं दिशा निर्देशों की पालना के लिए जिलास्तर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

शनिवार को जिला अदालत के कांफ्रेंस रूम में हुए कार्यक्रम में तीनों जोनों के एसीपी, महिला थाना प्रभारी, पुलिस के अनुसंधान अधिकारी, सिविल अस्पताल के डॉक्टर समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे। जिला न्यायाधीश दीपक गुप्ता की देखरेख में हुए इस कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप ¨सह ने कहा भविष्य में ऐसा न हो, इसीलिए इस तरह के केस से जुड़ी हर कड़ी को यह अच्छी तरह समझना होगा कि जांच, चिकित्सा और न्याय दिलाने के लिए उन्हें करना क्या है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी समप्रीत कौर और पैनल एडवोकेट र¨वद्र गुप्ता ने दो घंटे का व्याख्यान दिया।

क्या है हाईकोर्ट के दिशा निर्देश

- मेडिकल ऑफिसर दुष्कर्म पीड़िता का प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करेंगे।

- दुष्कर्म पीड़िता का नाम किसी भी स्तर पर लीक नहीं होना चाहिए।

- एमटीपी एक्ट के तहत 20 हफ्ते का गर्भपात नियम बदलने के लिए नया बिल लाना चाहिए।

- दुष्कर्म पीड़िता की काउंसि¨लग की जिम्मेदारी पुलिस, डॉक्टर और सीडब्ल्यूसी की होगी।

- दुष्कर्म पीड़िता यदि गर्भवती है और एमटीपी एक्ट के तहत गर्भपात किया जा सकता है तो काउंसर पीड़िता को पूरी जानकारी व सहयोग करेंगे।

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