एसो.प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर रोक से अदालत का इंकार

फरीदाबाद के राजकीय महाविद्यालय में पास कराने के बदले छात्रा पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में अदालत ने एसोसिएट प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। बुधवार को एसोसिएट प्रोफेसर ने वकील के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमुद गुगलानी की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 May 2019 05:42 PM (IST) Updated:Wed, 22 May 2019 05:42 PM (IST)
एसो.प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर 
रोक से अदालत का इंकार
एसो.प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर रोक से अदालत का इंकार

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : राजकीय महाविद्यालय में पास कराने के बदले छात्रा पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में अदालत ने एसोसिएट प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। बुधवार को एसोसिएट प्रोफेसर ने वकील के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमुद गुगलानी की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए 28 मई तारीख तय की। प्रोफेसर के वकील ने तब तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की, मगर अदालत ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

छात्रा की तरफ से वकील ओपी शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि मामला केवल एक छात्रा का नहीं है, बल्कि कई छात्राओं के शोषण का है। उन्होंने कहा कि आरोपित जमानत मिलने पर इस मामले को प्रभावित करने की कोशिश करेगा। अभी इस मामले की जांच शुरुआती दौर में है, ऐसे में आरोपित की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगनी चाहिए। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गिरफ्तारी पर रोक ना लगाने का फैसला किया। बता दें कि राजकीय कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर, जूनियर लैब अटेंडेंट व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी पर एक छात्रा ने पास कराने के बदले शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने का आरोप लगाया था। छात्रा ने एक कॉल रिकॉर्डिंग और स्टिग वीडियो भी पुलिस को सौंपा, जिसमें वह उस पर शारीरिक संबंध के लिए दबाव डालते सुना जा सकता है। यह मामला प्रकाश में आते ही बेहद चर्चित हो गया था। उच्चतर शिक्षा निदेशालय तीनों आरोपितों को निलंबित कर चुका है। वहीं पुलिस ने भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। महिला थाना पुलिस ने दर्ज किए अन्य छात्राओं के बयान

बुधवार को महिला थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता छात्रा के अलावा छह अन्य छात्राओं को भी बुलाया। थाने में उनके बयान दर्ज किए गए। सभी ने बयान दिया कि तीनों आरोपित छात्राओं के ऊपर दबाव डालते थे। उन्होंने बताया कि आरोपित पिछले कई सालों से यह काम कर रहे थे, मगर इनके खिलाफ शिकायत करने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। वे छात्राओं को पास कराने का झांसा देते थे, इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाते। बुधवार को पुलिस ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार सहित अन्य स्टाफ के भी बयान दर्ज किए हैं।

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