दाखिला प्रक्रिया में कुर्बान होने वाले 17 पेड़ बचाएगा डीएवी

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद औद्योगिक नगरी का डीएवी शताब्दी कॉलेज इस सत्र से एक मामूली सी पहल करते हुए

By Edited By: Publish:Wed, 01 Jun 2016 01:02 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jun 2016 01:02 AM (IST)
दाखिला प्रक्रिया में कुर्बान होने  वाले 17 पेड़ बचाएगा डीएवी

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद

औद्योगिक नगरी का डीएवी शताब्दी कॉलेज इस सत्र से एक मामूली सी पहल करते हुए दाखिला प्रक्रिया में कुर्बान होने वाले 17 पेड़ों को बचाएगा। दरअसल कॉलेज ने पेपरलेस दाखिला प्रणाली लागू की है। दावा है कि यह प्रणाली लागू करने वाला वह प्रदेश का पहला कॉलेज है। यह पहल सफल होने पर इसका प्रोजेक्ट तैयार कर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा जिससे अन्य संस्थानों में भी इसे लागू कराया जा सके।

आइटी प्रभारी सरोज कुमार के अनुसार कॉलेज में 17 सौ सीटें हैं। इनके लिए करीब 10 हजार प्रॉस्पेक्टस छपते थे। इस बार डिजिटल प्रॉस्पेक्टस तैयार किया है जो कॉलेज की वेबसाइट और मोबाइल एप स्त्रड्ड1ष्ष्द्घढ्डस्त्र.ष्श्रद्व पर उपलब्ध होगा। इसे रुचिकर बनाने के लिए एनिमेशन व ग्राफिक का प्रयोग किया गया है। इसमें कोर्स, कॉलेज व फीस से संबंधित प्रत्येक जानकारी विद्यार्थी को मिलेगी। विद्यार्थी डिजिटल प्रॉस्पेक्टस देखने के बाद कॉलेज की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। विद्यार्थियों को प्रमाणपत्रों की हार्डकॉपी भी जमा करने की जरूरत नहीं होगी। प्रमाणपत्र स्कैन कर अपलोड किए जाएंगे। प्राचार्य डॉ. सतीश आहूजा बताते हैं कि 10 हजार प्रॉस्पेक्टस व आवेदन में लगने वाले प्रमाण पत्रों की कॉपियों का वजन करीब 1 टन होता है। दैनिक जागरण में ही छपे एक लेख के अनुसार 1 टन कागज बनाने के लिए करीब 17 पेड़ काटे जाते हैं। प्रॉस्पेक्टस की पै¨कग के लिए पॉलीथिन का भी प्रयोग होता था। कॉलेज के इस कदम से छपाई में खर्च होने वाला पानी व बिजली बचेगी। छपाई में केमिकल का प्रयोग होता है जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं होता।

-----

2 जून को कॉलेज का डिजिटल प्रॉस्पेक्टस लांच किया जाएगा। इस प्रणाली से विद्यार्थियों को आवेदन के लिए कॉलेज तक आने की भी जरूरत नहीं होगी। वह घर बैठे ही आवेदन कर सकेंगे। जो विद्यार्थी कॉलेज में आकर आवेदन करना चाहते हैं, उनके लिए 100 कंप्यूटरों की एक लैब बनाई है। उसमें ट्रेंड कर्मचारी आवेदन करने में विद्यार्थियों की मदद करेंगे।

-सतीश आहूजा, प्राचार्य, डीएवी कॉलेज।

chat bot
आपका साथी