बीएमएस के तत्वावधान में सफाई कर्मियों, ट्यूबवेल आपरेटरों ने किया रोष प्रदर्शन

ग्रामीण सफाई कर्मचारी व ट्यूबवेल आपरेटर ने सोमवार को डीडीपीओ को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 06:20 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 06:20 AM (IST)
बीएमएस के तत्वावधान में सफाई कर्मियों, ट्यूबवेल आपरेटरों ने किया रोष प्रदर्शन
बीएमएस के तत्वावधान में सफाई कर्मियों, ट्यूबवेल आपरेटरों ने किया रोष प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी:

ग्रामीण सफाई कर्मचारी व ट्यूबवेल आपरेटर ने सोमवार को मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले रोष प्रदर्शन किया। तत्पश्चात पीएम के नाम जिला विकास अधिकारी को मांगपत्र सौंपकर मांगों को पूरा करने की अपील की। भारतीय मजदूर संघ की अगुवाई में ग्रामीण सफाई कर्मचारी, ट्यूबवेल आपरेटर और कंपयूटर आपरेटर परशुराम चौक पर एकत्रित हुए, जहां उन्होंने मांगों, आगामी रणनीति आदि पर विचार-विमर्श किया। उसके बाद उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा की अगुवाई में रोष प्रदर्शन शुरू किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोग नारेबाजी करते हुए दादरी लघु सचिवालय पहुंचे और उन्होंने डीडीपीओ को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने पहंचे लोगों ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ द्वारा सरकार जगाओ सप्ताह चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत भारतीय मजदूर संघ व भारतीय औद्योगिक इकाई के रुप में कार्यरत भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ, अखिल भारतीय मजदूर महासंघ आदि द्वारा 25 से 31 जुलाई तक विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उसी के तहत विरोध प्रदर्शन कर श्रमिकों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपकर उन्हें पूरा करने की मांग की गई। इस अवसर पर भामसं के जिला प्रधान राकेश शर्मा, ग्रामीण सफाई कर्मी जिला प्रधान बीरू सिंह, ट्यूबवेल आपरेटर जिला प्रधान बलबीर शर्मा, दिनेश सांगवान, आजाद, बलवंत, सुमेर सिंह, प्रमोद कुमार, पूनम चंद, बिजेंद्र, विष्णु वर्मा, मनोज, रोशनलाल, सतीश इत्यादि मौजूद थे।

ये हैं मुख्य मांगें

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों विशेष रुप से प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का समाधान किया जाए, लंबित मजदूरी, वेतन भत्तों का भुगतान किया जाए, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, राष्ट्रीय परिवहन नीति लागू की जाए, अनुबंधित कर्मियों को रेगुलर किया जाए, विद्युत सुधार कानून 2003 के वर्तमान स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किया जाए, आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों को श्रम कानून के तहत समस्त लाभ दिए जाए इत्यादि मांगें शामिल है।

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