हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान

एकाएक मौसम में आए बदलाव ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए। सुब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 01:09 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 06:12 AM (IST)
हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान
हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान

जागरण संवाददाता, भिवानी : एकाएक मौसम में आए बदलाव ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए। सुबह जब लोग सो कर उठे तो शहर कोहरे की चादर में लिपटा था। वाहन चालक दिन में भी लाइट जला कर अपने गंतव्य तक जाते नजर आए। उनके लिए मुसीबत यह रही कि टूटी सड़कों से इस धुंध में गुजरना मुश्किल रहा। पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा ने मौसम में और ज्यादा ठंडक घोल दी। अधिकतम तापमान 23 डिग्री से लुढ़कर 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ठंडी हवा के चलते लोग दिन में भी गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। सर्कुलर रोड पर वाहन चालक रहे सबसे ज्यादा परेशान

रोहतक गेट से लोहारू रोड रेलवे ओवरब्रिज तक करीब तीन किलोमीटर का सफर वैसे तो मुश्किल से 10 मिनट का भी नहीं है लेकिन धुंध और इस रोड की खस्ता हालत के चलते आधे घंटे से ज्यादा का समय लगा। वाहन चालक इस मार्ग की खस्ता हालत के लिए सरकार को कोसते नजर आए। यहां से हर रोज 30 हजार से ज्यादा वाहन गुजर रहे

सर्कुलर रोड की हालत की बात करें तो इस मार्ग पर 300 से ज्यादा गड्ढे आज भी बने हैं। यहां से हर रोज 30 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। धुंध ने वाहन चालकों की रफ्तार को रोके रखा। इस रोड को बनाने के लिए लेबर क्रांति मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र तंवर और लालचंद जांगड़ा भूख हड़ताल तक रख चुके हैं। लेकिन अभी तक इस रोड के निर्माण की सुध नहीं ली गई है। लोगों में इस अनदेखी को लेकर गुस्सा बना है। सेक्टर 13 और 23 का बीच अधर में छोड़ा मुख्य मार्ग भी रहा प्रभावित

कोहरे का असर सेक्टर 13 और 23 के उखाड़ का बीच अधर में छोड़े मार्ग पर भी दिखा। वाहन चालकों की जुबान पर था एक तो रोड नहीं बना ऊपर से कोहरा, समय पर कैसे अपने गंतव्य पर पहुंचेंगे। सेक्टरवासी इसके निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। बाजारों पर भी दिखा असर

धुंध, हल्की बूंदाबांदी के बाद शीत लहर ने लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया। इसका असर बाजारों पर भी दिखा और लोग खरीददारी करने के लिए बहुत कम घरों से निकले। दुकानदारों का कहना था कि मौसम का बाजार पर प्रभाव हमेशा रहता है।

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