अगले 10 दिन में प्रेमनगर के खेतों से पानी नहीं निकला तो 200 एकड़ धान की फसल हो जाएगी बर्बाद
गांव प्रेमनगर के किसानों की मेहनत की कमाई पानी में बह गई। यहा
जागरण संवाददाता, भिवानी : गांव प्रेमनगर के किसानों की मेहनत की कमाई पानी में बह गई। यहां करीब 300 एकड़ खेती की जमीन में से 100 एकड़ में कपास की फसल नष्ट हो चुकी है। वहीं अगले 10 दिन में खेतों से बरसाती पानी की निकासी नहीं हुई तो 200 एकड़ के लगभग एरिया में खड़ी धान की फसल भी बर्बाद हो जाएगी। किसानों को चिता सता रही है कि कपास की फसल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है अब थोड़ी बहुत बची धान की फसल भी बचने की उम्मीद कम रह गई है। 10 दिन में बरसाती पानी की निकासी नहीं तो धान भी नहीं बचेगा
गांव में 200 एकड़ में लगी धान की खेती में बरसात का पानी करीब एक माह से जमा है। इस पानी की निकासी के लिए दो पंप और आठ मोटरें लगाई हैं पर ये भी कम पड़ रही हैं। यही हालत रही तो अगले 10 दिन में पानी की निकासी नहीं हो पाएगी। निकासी नहीं हुई तो धान की फसल भी नहीं बच पाएगी। किसानों का कहना है कि समय रहते प्रशासन कोई ठोस कदम उठाए ताकि किसानों की बचीखुची गाढ़ी कमाई को बचाया जा सके। एक माह में मात्र 25 फीसद ही निकल पाया है पानी
किसानों का कहना है कि गांव में तीन फुट तक बरसाती पानी जमा हो गया था। अब भी दो-दो फुट तक बरसाती पानी खेतों में जमा है। पानी निकालने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वे अभी भी नाकाफी हैं और 25 फीसद पानी ही निकला जा सका है। अमृत योजना गांव वासियों के लिए बनी मुसीबत
गांव के किसान कुलदीप सिंह फोगाट, रामनिवास बूरा, सुरेश फौजी, लीलाराम, मोंटी, सतविद्र बराड़, राजकुमार, संजय कुमार, सतनारायण, सतबीर बूरा, वजीर सिंह आदि ने बताया कि अमृत योजना के तहत भिवानी शहर का बरसाती पानी भी उनके गांव के पास से गुजरने वाली ड्रेन में छोड़ दिया जाता है। गांव की जमीन में पहले ही सेम है और अब बरसाती पानी ड्रेन में छोड़ने की वजह से और ज्यादा परेशानी हो गई है। सेम तो तोड़ने के लिए यहां पर स्थायी रूप से बोरवेल लगाए जाएं और पानी ड्रेन में छोड़ा जाए।