सहयोग करने वालों को सम्मानित किया समिति ने

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : जाट आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में एक से 22 मार्च तक चले जाट आंदोलन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 11:48 PM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 11:48 PM (IST)
सहयोग करने वालों को सम्मानित किया समिति ने
सहयोग करने वालों को सम्मानित किया समिति ने

संवाद सहयोगी, बाढड़ा :

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में एक से 22 मार्च तक चले जाट आंदोलन में सहयोग देने व अध्यक्षता करने वाले छत्तीस बिरादरी के मौजिज पंचायत प्रतिनिधियों को सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सोमवार को शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। जाट आरक्षण संघर्ष समिति जिलाध्यक्ष राजकुमार हड़ौदी ने कस्बे के किसान भवन में श्योराण खाप 25 अध्यक्ष बिजेंद्र ¨सह बेरला की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन में क्षेत्र के लोगों ने जो सहयोग व संघर्ष किया है समिति सदैव ऋणी रहेगी। ब्राह्मण नेता सीताराम शर्मा ने कहा कि इस आंदोलन के दौरान कस्बे व जिला स्तर पर चलाए गए धरनों में हर रोज अलग अलग जाति के मौजिज ग्रामीणों ने नेतृत्व कर आपसी भाइचारे व सदभावना की जो मिसाल कायम की है। इस मौके पर पूर्व सरपंच विजय मोटू, सरपंच प्रेम जांगड़ा, मांगेराम रोहिल्ला धनासरी, दलित समाज से रतन ¨सह, राजबाला हड़ौदी, सिलोचना, सरबती बिलावल, संजय गोपालवास, पूर्व चेयरमैन सुनील शर्मा बाढड़ा, नफे¨सह गवारिया, सेठ मामनराम कादमा, चंद्र ¨सह हड़ौदी, उमराव प्रजापत, पूर्ण ¨सह झोझू, भान ¨सह नंबरदार, महेंद्र जांगड़ा हंसावास खुर्द, विनोद प्रजापत इत्यादि को श्योराण खाप, बारह हेली खाप व आरक्षण संघर्ष समिति ने शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। मंच संचालन विधानंद हंसावास ने किया। कार्यक्रम में बारह हेली खाप अध्यक्ष रण ¨सह कादमा, किसान नेता कमल ¨सह मांढी, हलकाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा, सुरेश कादमा, मीर ¨सह जेवली, विरेंद्र बडराई, प्रभुराम गोदारा, भीम ¨सह द्वारका, राजबाला हड़ौदी, सरपंच रामपाल सतनाली बास, विरेन्द्र पहलवान बडराई, सरपंच सुरेश धनासरी, मुकेश जेवली, मा. जयदीप, विजय गोपी, भूप ¨सह मांढी, संदीप बाढड़ा, भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, पूर्व बैंक प्रबंधक उमेद ¨सह जेवली, अनोखी देवी, भूप ¨सह मांढी, हरपाल भांडवा, नरेश कादयान, विकास नंबरदार बाढड़ा इत्यादि सहित अनेक गांव के मौजिज ग्रामीण मौजूद थे।

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