सड़कों का सन्नाटा और चौराहों की वीरानी, यही है अब हर चढ़ती रात की कहानी

एक महीने से भी कम वक्त में शहर की हर चढ़ती रात की कहानी बदल गई है। जिस वक्त तक सड़कों पर लोगों का आना-जाना होता था चौक-चौराहों पर वीरानी को बीच में चीरती कोई न कोई गाड़ी इधर से उधर गुजरती थी वहां पर अब वीरानी और सन्नाटा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:10 AM (IST)
सड़कों का सन्नाटा और चौराहों की वीरानी, यही है अब हर चढ़ती रात की कहानी
सड़कों का सन्नाटा और चौराहों की वीरानी, यही है अब हर चढ़ती रात की कहानी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

एक महीने से भी कम वक्त में शहर की हर चढ़ती रात की कहानी बदल गई है। जिस वक्त तक सड़कों पर लोगों का आना-जाना होता था, चौक-चौराहों पर वीरानी को बीच में चीरती कोई न कोई गाड़ी इधर से उधर गुजरती थी, वहां पर अब वीरानी और सन्नाटा है। कोरोना संक्रमण इस बार की मई में और ज्यादा खतरनाक बनकर आया है। नतीजतन पहले नाइट क‌र्फ्यू और अब लॉकडाउन। प्रशासन की सख्ती भी। ऐसे में जनमानस भी घरों में रहकर ही इस दूसरी जंग में शामिल है। मंगलवार की रात साढ़े 10 से लेकर 11:30 बजे तक के हालात यह जता रहे थे कि जैसी रात है अब वैसे ही दिन भी बनाने का वक्त है। यानी जरूरी हो तभी घर से निकलें वरना नहीं।

1. धर्मविहार कालोनी का मंगल चौक। दिन में तो यहां से आवाजाही का कोई हिसाब किताब ही नहीं, रात में भी यह चौक 12 बजे के बाद भी पूरी तरह नहीं थमता था। पास में औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण तो यहां से आवाजाही रहती ही थी। मगर अब लॉकडाउन है तो हालात एकदम उलट है। यह चौक पूरी तरह सुनसान था। इससे पहले परनाला रोड पर वेस्ट जुआ ड्रेन के चौक की तस्वीर भी हूबहू थी।

2. रोहतक रोड पर दयानंद नगर की एक गली का मुहाना। मेक्रो कंटेनमेंट जोन होने के कारण दिन में यहां पर बेरिकेडिग थी, मगर रात में यह टूटी दिखी। हालांकि आवाजाही कई मिनटों तक नहीं थी। मगर बेरिकेड को इस तरह से तोड़ने में जन की लापरवाही यहां उजागर हो रही थी। खाकी की भी यहां मौजूदगी नहीं दिखी।

3. नजफगढ़ रोड के मुहाने से सामने बस स्टैंड लाइटों से तो जगमग था। मगर यहां पर आम दिनों की तरह बसों का परिसर में जमघट नहीं था। इक्का-दुक्का बस ही थी। लॉकडाउन के कारण अब दूसरे जिलों की बसें यहां पर कम ही ठहरती हैं। दिन में ही यात्री न के बराबर होते हैं, शायद इसीलिए रात्रि ठहराव सेवा भी न के बराबर।

4. बहादुरगढ़ सिटी मेट्रो स्टेशन फिर 2020 को दोहरा रहा था। पिछले साल मई में तो मेट्रो बंद थी। मगर इस बार कुछ सेवा चालू होने के बावजूद हालात लगभग वहीं थे। यहां पर कुछ मिनट बाद एक-दो ऑटो रोहतक रोड पर आता दिखा। उसमें कुछ लोग अस्पताल से घर की ओर जा रहे थे।

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