मंडियों से उठान धीमा, कैसे होगा सरकार द्वारा तय अवधि में किसानों को भुगतान

शहर की मंडी वैसे ही छोटी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 06:00 AM (IST)
मंडियों से उठान धीमा, कैसे होगा सरकार द्वारा तय अवधि में किसानों को भुगतान
मंडियों से उठान धीमा, कैसे होगा सरकार द्वारा तय अवधि में किसानों को भुगतान

शहर की मंडी वैसे ही छोटी है। फोटो-1: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

यहां की मंडियों में गेहूं की खरीद तो सुचारु है, मगर उठान प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है। शहर की मंडी वैसे ही छोटी है। ऐसे में उठान न होने से एक तरफ किसानों को अपनी फसल उतारने में दिक्कत आ रही है तो दूसरी तरफ किसानों को फसल के भुगतान में भी देरी होगी। जब तक मंडी में खरीदी गई फसल एजेंसियों के गोदाम में नहीं पहुंच जाती, तब तक भुगतान नहीं होता। जाहिर है कि ऐसे में सरकार ने 48 से 72 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान की जो घोषणा कर रखी है, वह कैसे पूरी होगी। बहादुरगढ़ मार्केट कमेटी के अंतर्गत शहर की मंडी के अलावा आसौदा में गेहूं की खरीद चल रही है। शहर की मंडी में तो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और हरियाणा वेयर हाउस कारपोरेशन मिलकर खरीद कर रहे हैं। जबकि आसौदा में खरीद का जिम्मा इस बार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को दिया गया है। दोनों जगहों पर मिलाकर अभी तक 15 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है। उठान न होने से आढ़ती भी परेशान :

किसानों को सीधे खातों में भुगतान से बहादुरगढ़ के आढ़तियों को तो कोई दिक्कत नहीं है, मगर यहां से उठान न होने उनके लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। किसान तो आढ़तियों के पास अपनी फसल लेकर पहुंच रहे हैं। मगर पहले से खरीदी गई फसल का उठान न होने से आढ़तियों के लिए भी समस्या है कि फसल को कहां पर उतारवाएं। यह उठान खरीद एजेंसियों को ही करना होता है, मगर उनकी यह प्रक्रिया अभी ढीली है। खास बात यह है कि बहादुरगढ़ में तो दोनों ही खरीद एजेसियों का गोदाम मंडी से एक किलोमीटर भी नहीं है। तब यह दिक्कत आ रही है। मंडी के व्यापारी विकेश गर्ग ने बताया कि यहां के आढ़तियों ने किसी तरह की हड़ताल में भी भाग नहीं लिया है। मगर खरीद एजेंसियों की तरफ से समय पर उठान न किए जाने से परेशानी आ रही है। वर्जन..

खरीद शुरू हुए पांच ही दिन हुए हैं। उसमें से भी हमारी खरीद दो ही दिन हुई है। इसके उठान के लिए व्यवस्था कर दी गई है। गाड़ियां और बढ़वाई जा रही हैं।

-रमन, मैनेजर, हरियाणा वेयर हाउस

chat bot
आपका साथी