केएमपी के साथ पलवल से सोनीपत तक रेल कॉरिडोर में बाधा बन रही बिजली की हाईटेंशन लाइनें हटेंगी, 8.63 करोड़ का टेंडर लगाया

पलवल से सोनीपत के बीच केएमपी(कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे) के साथ 5556 करोड़ से बिछाई जाने वाली नई रेलवे लाइन को संसद की कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट की अड़चनों को दूर करने का काम तेज हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Oct 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 06 Oct 2020 07:00 AM (IST)
केएमपी के साथ पलवल से सोनीपत तक रेल कॉरिडोर में बाधा बन रही बिजली की हाईटेंशन लाइनें हटेंगी, 8.63 करोड़ का टेंडर लगाया
केएमपी के साथ पलवल से सोनीपत तक रेल कॉरिडोर में बाधा बन रही बिजली की हाईटेंशन लाइनें हटेंगी, 8.63 करोड़ का टेंडर लगाया

कृष्ण वशिष्ठ , बहादुरगढ़ : पलवल से सोनीपत के बीच केएमपी(कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे) के साथ 5556 करोड़ से बिछाई जाने वाली नई रेलवे लाइन को संसद की कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट की अड़चनों को दूर करने का काम तेज हो गया है। प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अब तेज हो गया है। साथ ही हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचआरआइडीसी) ने अब इस रेल लाइन में बाधा बन रही बिजली की हाईटेंशन व लो टेंशन लाइनों को हटाने की दिशा में भी काम शुरू कर दिया है। इस लाइन पर 33 केवी व 11 केवी क्षमता की 90 से ज्यादा लाइनें आ रही हैं। इन लाइनों को हटाने के लिए एचआरआइडीसी की ओर से 8.63 करोड़ का टेंडर लगा दिया है। 21 अक्टूबर को यह टेंडर खोला जाएगा। टेंडर लेने वाली एजेंसी को 18 माह में सभी लाइनों को हटाना होगा। कहीं पर बिजली की ये लाइनें जमीन के अंदर से हैं तो कहीं पर ऊपर से गुजर रही हैं। ऐसे में बिजली निगम व एचआरआइडीसी के दिशा-निर्देशों पर इन लाइटों को यहां से हटाकर दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। रेल लाइन के लिए चल रही जमीन अधिग्रहण का काम

केएमपी के साथ बिछाई जाने वाली इस रेल लाइन के लिए पलवल, नूंह, गुरुग्राम, झज्जर व सोनीपत जिले की में जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। गुरुग्राम की ओर से जमीन का प्रपोजल आ चुका है। अन्य जिलों में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। झज्जर के बादली व बहादुरगढ़ उपमंडल के 19 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए कुल करीब 655.92 हेक्टेयर जमीन चाहिए। इसमें से करीब 97 हेक्टेयर जमीन सरकार की विभिन्न एजेंसियों ने पहले ही अधिग्रहित कर रखी है। केएमपी के साथ 150 से 200 फीट जगह में यह रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। निशानदेही करके पिलर भी लगा दिए गए हैं। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के नाम से बनने वाले इस प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। डीपीआर के अनुसार यहां पर 2023-24 में रेल चलाने का लक्ष्य है। सोनीपत से न्यू पलवल के बीच डबल रेल लाइन पूरी तरह बिजली पर आधारित होगी। नई रेलवे लाइन के लिए जरूरी जमीन का ब्योरा:

जमीन विवरण एरिया हेक्टेयर

कुल जमीन की जरूरत 655.92

आइएमटी सोहना 10

आइएमटी मानेसर 38

आइएमटी खरखौदा 22

डीएफसीसीआइएल जमीन 19.67

रेलवे जमीन 8

अधिग्रहण के लिए जरूरी जमीन 558.25 बहादुरगढ़ के इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

- डाबौदा खुर्द

- मेहंदीपुर

- मांडोठी

- जाखौदा

- सादपुर

- आसौदा टोडराण

- जसौर खेड़ी

- खेड़ी जसौर

- निलौठी पलवल से सोनीपत के बीच रेल लाइन के कुछ तथ्य:

1. पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को एचआरआइडीसी, रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। परियोजना की कुल लंबाई करीब 130 किलोमीटर किलोमीटर है और भूमि अधिग्रहण और निर्माण के दौरान ब्याज सहित कुल परियोजना लागत 5,566 करोड़ रुपये है।

2. इसमें 14 नए स्टेशन और तीन मौजूदा स्टेशन, 23 प्रमुख जलमार्ग पुल, 195 मामूली जलमार्ग पुल और तीन नए फ्लाईओवर सहित 17 स्टेशन होंगे। इसके अलावा इसमें दो रोड ओवर ब्रिज और 153 रोड अंडर ब्रिज होंगे।

3. इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुरुग्राम के क्षेत्र को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेंगी। यह मार्ग यात्रा के समय को कम करेगा। दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान की जा सके। इसके अलावा यह परियोजना गुरुग्राम या फरीदाबाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों को चलाने की सुविधा प्रदान करेगी।

4. इस परियोजना से दिल्ली में भारी वाहनों का लोड कम होगा। हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमॉडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी। यह राज्य के अनछुए क्षेत्रों में प्रगति के द्वार खोलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिविधि बढ़ेगी।

5. यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा। इसके 3 साल में पूरा होने की उम्मीद है। यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पाटली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर) और हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) को जोड़ने का काम करेगा।

6. हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट एक ज्वाइंट वेंचर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें भारतीय रेलवे, हरियाणा सरकार, एचआरआइडीसी, कॉनकोर, डेडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर, एचएसआइआइडीसी, मारुति सुजुकी, मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप लिमिटेड (रिलायंस एसइजेड), ऑलकार्गो और अन्य को इसकी लागत वहन करनी होगी।

7. सोहना के पास पहाड़ी होने की वजह से करीब चार किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी।

8. बहादुरगढ़ के आसौदा रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए मेन लाइन से अलग लाइन बिछाई जाएगी।

ये होंगे स्टेशन:

- न्यू पलवल

- सिलानी

- सोहना

- धूलावत

- चंदला डूंगरवास

- मानसेर

- न्यू पाटली

- बाढ़सा

- देवरखाना

- बादली

- मांडोठी

- जसौर खेड़ी

- खरखौदा

- तुर्कपुर

- हरसाना कलां पलवल से हरसाना कला तक बिछाई जाने वाली रेल लाइन को बिजली की 92 एचटी व एलटी लाइनें क्रॉस कर रही हैं। इन लाइनों को हटाने के लिए टेंडर लगाया गया है। 18 माह में यह काम पूरा होना है। 21 अक्टूबर को यह टेंडर ओपन होगा। उसके बाद इस पर काम शुरू होगा।

टिकू राम चौधरी, सह महाप्रबंधक इलेक्ट्रिकल, एचआरआइडीसी।

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