बहादुरगढ़ में बारिश के साथ किसानों के अरमानों पर गिरे ओले, भारी नुकसान

बहादुरगढ़ में बारिश के साथ किसानों के अरमानों पर गिरे ओले, भारी नुकसान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 11:30 PM (IST)
बहादुरगढ़ में बारिश के साथ किसानों के अरमानों पर गिरे ओले, भारी नुकसान
बहादुरगढ़ में बारिश के साथ किसानों के अरमानों पर गिरे ओले, भारी नुकसान

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

क्षेत्र में बृहस्पतिवार सुबह बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। क्षेत्र में 16 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिससे कई कालोनियों में पानी भर गया। ओलावृष्टि से सरसों व गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि इतनी अधिक थी कि एक बार तो जमीन पर सफेद चादर दिखाई दी। गांवों में किसान हाथों में ओले लेकर एक-दूसरे को दिखाते हुए देखे गए। गांव बुपनिया व जसौर खेड़ी में तो किसानों ने तशलों में भी ओलो को इकट्ठा करके दिखाया। ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट तीन दिन बाद पता चलेगी। कृषि विभाग ने भी माना है कि क्षेत्र में ओले से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि बहादुरगढ़ में तीन हजार हेक्टेयर में सरसों व 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल बोई गई है। सरसों की फसल तो पकने को तैयार थी, जिसमें भारी नुकसान की संभावना है। --15 मिनट तक हुई ओलावृष्टि बहादुरगढ़ के शहरी व कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 15 मिनट निरंतर ओलावृष्टि होती रही। गलियां, सड़कें व खेत सफेद चादर से ढक गए। ओलावृष्टि से हर बेजुबान से लेकर हर कोई व्यक्ति तक बचता दिखाई दिया। बृहस्पतिवार को 16 एमएम बरसात भी हुई है। बारिश सुबह से लेकर शाम तक रह-रहकर होती रही। बरसात व ओलावृष्टि की वजह से फिर से मौसम में ठंडक घुल गई। शहरी क्षेत्र में तो स्थिति यह थी कि नालों व सीवरेज लाइनों की सही से साफ-सफाई न होने के चलते अनेक गलियों में कई-कई फुट तक पानी भर गया। इस कारण यहां से निकलने वाले स्कूली बच्चों के अलावा अन्य राहगीरों को गंदे पानी के बीच से होकर निकलना पड़ा। बृहस्पतिवार की सुबह से लेकर 11 बजे तक बरसात का सिलसिला रूक-रूक कर होता रहा। इस दौरान करीब 10 बजे ओलावृष्टि शुरू हो गई जो कि लगभग 15 मिनट तक निरंतर जारी रही। इसके कुछ देर बाद फिर से ओलावृष्टि हुई। गलियां, सड़कें, प्लॉट, घरों की छतें व खेत-खलिहान सब सफेद बर्फ की चादर से ढक गए। तेज बरसात के दौरान हुई ओलावृष्टि के चलते लोग अपने घरों में दुबके नजर आए तो वहीं पशु भी ओलों की मार से बचने के लिए घरों के छज्जों के नीचे खड़े दिखाई दिए। उधर बरसात के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के निचले हिस्सों में जलभराव हो गया तो सड़कों पर भी पानी भरने के चलते वाहनों की चाल बिगड़ी दिखी। कालोनियों में हुआ जलभराव सड़कों, गलियों व सार्वजिनक जगहों जैसे बस स्टैंड, नागरिक अस्पताल परिसर व पुराने लघु सचिवालय परिसर के आसपास के अलावा कई रिहायशी कॉलोनियों टीचर कॉलोनी, मॉडल टाउन, नेहरू पार्क, मोहन नगर, महाबीर पार्क, जौहरी नगर समेत अन्य कई कॉलोनियों में बरसाती पानी भर गया। टीचर कॉलोनी की कई गलियों की हालत तो इस कदर खराब थी कि बरसात के रूकने के कई देर बाद तक भी पानी गलियों में भरा रहा। ऐसे में यहां से निकलने वाले लोगों को गंदे पानी के बीच से होकर अपना कामकाज करना पड़ा। बरसात के दौरान फास्ट फूड व पकौड़ों की दुकानों पर भीड़ ज्यादा देखने को मिली। जलभराव होने से कई सड़कों बीचोंबीच व नुक्कड़ पर गहरे गड्ढे भी बन गए। जिसके कारण यहां से वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया। ---क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है। इसके नुकसान को लेकर तीन दिन बाद रिपोर्ट आएगी। क्षेत्र में 16 एमएम बारिश हुई है। अब अगर बरसात लगातार तेज रहती है तो फसलों को नुक्सान हो सकता है।

----डा. सुनील कौशिक, उपमंडल कृषि अधिकारी।

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