असम में फंसे भापड़ौदा के पांच युवक पहुंचे बहादुरगढ़, 14 दिन तक होम क्वारंटाइन के निर्देश
लॉकडाउन के दौरान असम में फंसे गांव भापड़ौदा के पांच युवक बृहस्पतिवार को बस ट्रेन व ऑटो से सफर तय करके बृहस्पतिवार को बहादुरगढ़ पहुंच गए हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: लॉकडाउन के दौरान असम में फंसे गांव भापड़ौदा के पांच युवक बृहस्पतिवार को बस, ट्रेन व ऑटो से सफर तय करके बृहस्पतिवार को बहादुरगढ़ पहुंच गए हैं। गांव लौटने से पहले वे अपनी कोरोना की जांच करवाने के लिए बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में पहुंचे। यहां पर उनकी जांच करने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए हैं।
गांव भापड़ौदा निवासी विनोद, सुरेंद्र, सूरज, संदीप, बलराम असम में चप्पल बिक्री का कार्य करते हैं। बहादुरगढ़ व अन्य क्षेत्रों से चप्पलें ले जाकर असम के विभिन्न हिस्सों में बेचते हैं। सुरेंद्र ने बताया कि वह सात-आठ माह से वहीं पर रह रहे थे, जबकि अन्य साथी कुछ माह से अपने काम के लिए गए हुए थे। जब वे घर आना चाह रहे थे तो इसी दौरान लॉकडाउन लागू हो गया और वे असम में ही फंस गए। इस दौरान उन्हें खाने पीने से लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने एक वीडियो भेज कर अपनी समस्याएं भी बताई थीं। अब वे किसी तरह असम से चलकर बहादुरगढ़ पहुंचे हैं। अपने गांव की डिस्पेंसरी से स्वास्थ्य जांच करवानी चाही लेकिन यहां के डाक्टरों ने उन्हें सिविल अस्पताल बहादुरगढ़ में टेस्ट कराने के निर्देश दिए। सुरेंद्र व विनोद ने बताया कि उन्होंने कोविड-19 की मेघालय बॉर्डर जांच भी कराई थी। इसके बाद असम के सिल्चर से गुवाहाटी तक का सफर उन्होंने बस में तय किया। इसके बाद गुवाहाटी से दिल्ली तक का सफर राजधानी एक्सप्रेस से से पूरा किया। दिल्ली रेलवे स्टेशन से डीटीसी में टीकरी बार्डर तक आए। इसके बाद ऑटो से बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में पहुंचे। 26 मई को भी उन्होंने सिल्चर के एक होटल में ठहराव के दौरान स्कैनिग करवाई थी। अब बहादुरगढ़ पहुंचकर कोविड-19 की जांच करवाएंगे। मगर चिकित्सकों ने उनका चेकअप करके 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए और घर भेज दिया।