बाहरी ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों पर फिर उद्यमियों और यूनियन में टकराव, कंपनी से दो गाड़ियां ले गए

बाहरी ट्रांसपोर्टरों से माल ढुलाई पर रविवार को फिर से उद्यमियों और स्थानीय यूनियन में टकराव हो गया। सोमानी कंपनी से निकल रही दो गाड़ियों को यूनियन के सदस्य जबरन ले गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 06:15 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 06:15 AM (IST)
बाहरी ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों पर फिर उद्यमियों और यूनियन में टकराव, कंपनी से दो गाड़ियां ले गए
बाहरी ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों पर फिर उद्यमियों और यूनियन में टकराव, कंपनी से दो गाड़ियां ले गए

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बाहरी ट्रांसपोर्टरों से माल ढुलाई पर रविवार को फिर से उद्यमियों और स्थानीय यूनियन में टकराव हो गया। सोमानी कंपनी से निकल रही दो गाड़ियों को यूनियन के सदस्य जबरन ले गए। पुलिस को अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। उद्यमी अपने स्तर पर मामले को सुलझाने में जुटे हुए हैं।

दरअसल, यह मामला नया नहीं है। बहादुरगढ़ में जितनी भी ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं, ये स्थानीय उद्योगों का सौ फीसद माल ढुलाई का आर्डर उन्हें ही देने का दबाव बनाती हैं। जबकि उद्यमी ऐसा न होने के पीछे मजबूरी बताते हैं। ऐसे में यदि किसी फैक्ट्री में बाहरी ट्रांसपोर्टर की गाड़ी से माल ढुलाई होती है तो यूनियन के सदस्य उसे पकड़कर जबरन अपने कार्यालय ले जाते हैं और जुर्माना वसूलते हैं। विगत में इस पर कई बार विवाद हो चुका है। केस भी दर्ज हुए हैं। अब लॉकडाउन में दो माह बंद रहने के बाद उद्योग दोबारा चालू हुए हैं और फिर से यह विवाद खड़ा हो गया है। मामले को सुलझाने के लिए बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआइ) द्वारा प्रयास किया जा रहा है। कंपनी से दो गाड़ियां निकल रही थी। उनको यूनियन के सदस्य जबरन गेट से ले गए। हमारी कंपनी 80 फीसद माल ढुलाई स्थानीय यूनियनों से ही करवाती है। 20 फीसद में कुछ मजबूरियां होती हैं। कई बार ट्रांसपोर्टर खुद डीलर का होता है। मगर स्थानीय यूनियन सौ फीसद आर्डर लेने का दबाव बना रही हैं। यह संभव नहीं है।

- केपीएस नारायणन, सीनियर मैनेजर, सोमानी टाइल्स यह मामला संज्ञान में आया है। इस बारे में बात की जा रही है। मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

- नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बीसीसीआइ।

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