'स्वयं के सुधरने से सुधरेगा समाज, तभी बनेगा बेहतर राष्ट्र'

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: वर्तमान समय में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका एवं अपेक्षाएं को लेकर शहर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 05:04 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 11:52 PM (IST)
'स्वयं के सुधरने से सुधरेगा समाज, तभी बनेगा बेहतर राष्ट्र'
'स्वयं के सुधरने से सुधरेगा समाज, तभी बनेगा बेहतर राष्ट्र'

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

वर्तमान समय में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका एवं अपेक्षाएं को लेकर शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सक्सेस हाइट्स एकेडमी में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक सुशीला सागवान ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपमंडल विधिक सेवाएं समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया ने शिरकत की, जबकि अध्यक्षता शिक्षाविद अमित कुमार ने की। उन्होंने बताया कि दो वगरें में आयोजित इस गोष्ठी में विचारों ही नहीं बल्कि सवाल-जवाब के जरिए भी विभिन्न मुद्दों पर गहराई से चर्चा की गई। गोष्ठी में वक्ताओं ने स्वयं के सुधार को ही समाज का सुधार बताते हुए बेहतर राष्ट्र बनाने की अपील की। कार्यक्रम का मंच संचालन सुशीला सागवान ने किया।

गोष्ठी के मुख्य वक्ता सत्येंद्र दहिया ने कहा कि देश में बढ़ रही महंगाई व भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए सबसे पहले व्यवस्था में सुधार लाना जरूरी है, क्योंकि भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ाने में हमारी गलत आर्थिक नीतिया व वह व्यवस्था है जो देश के विकास की नींव रखती है। दहिया ने कहा कि वर्ष 1947 में देश की आजादी के समय भारतीय करेंसी व अमेरिका का डालर समान मूल्य पर थे लेकिन आज एक डालर की कीमत भारतीय रुपये के मुकाबले 72 रुपये से अधिक जा चुकी है। जिससे पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज देश आर्थिक रुप से कितना कमजोर हो चुका है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में एकेडमी के एचओडी शिक्षाविद अमित कुमार ने कहा कि यदि व्यक्ति स्वयं में सुधार लाता है तभी समाज और राष्ट्र के सुधरने की आशा की जा सकती है।

शिक्षाविद डा. सुनीता शर्मा, डा. सुनीता छिल्लर, स्नेह लता, शिक्षाविद संजीव शर्मा, संजीव पसरीचा, सुनीता सिंह, नवीन सिंघल तथा विवेक कुमार ने भी गोष्ठी में अपने विचार रखे।

गोष्ठी के दूसरे चरण में सवाल-जवाब हुए। इसमें वक्ताओं और श्रोताओं ने पर्यावरण, भ्रष्टाचार, मातृभाषा के प्रति प्रेम, गिरती खेल भावना, राजनीति और युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए समाज के उत्थान के लिए अपने विचार रखें। इनमें सुनीता सिंह, बबीता दहिया, रेनू खैरपुर, मीनाक्षी राठी, मुकेश दहिया आदि प्रमुख रही। कुमारी अपूर्वी एवं सुनीता सिंह की कविता को काफी सराहना मिली। समिति के निदेशक अमित जोडिया ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया। उन्होंने गोष्ठी में आए हुए सभी अतिथियों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर केएल टक्कर, अमित सागवान, इंद्रनाथ चुघ, आशीष भारद्वाज, शिक्षाविद अनिल अहलावत, सुरेंद्र रोहिल्ला, विजय शर्मा, कार्तिक एडवोकेट,संजय रोहिल्ला, प्रदीप अग्रवाल, डा. एसके मुदगल, राजेंद्र रंगा, राजेश दलाल और बलराम दलाल आदि मौजूद थे।

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