प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद बार्डर खाली होने की उम्मीद में वाहन लेकर पहुंचते रहे लोग, वापस लौटे

बाकी सभी वाहन वापस कर दिए गए। पिछले महीने टीकरी बार्डर से रास्ता खुला था हालांकि यहां से केवल दुपहिया वाहनों और पैदल राहगीरों की ही आवाजाही हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 06:20 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 06:20 PM (IST)
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद बार्डर खाली होने की उम्मीद में वाहन लेकर पहुंचते रहे लोग, वापस लौटे
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद बार्डर खाली होने की उम्मीद में वाहन लेकर पहुंचते रहे लोग, वापस लौटे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो टीकरी बार्डर से रास्ता खुलने की उम्मीद में दिन भर यहां से चौपहिया वाहन चालक पहुंचते रहे। हालांकि ज्यादातर को वापस लौटना पड़ा। जिन वाहनों में मरीज थे या फिर दूसरी कोई बड़ी इमरजेंसी थी, उनको यहां से सुरक्षा बलों ने रास्ता दिया। बाकी सभी वाहन वापस कर दिए गए। पिछले महीने टीकरी बार्डर से रास्ता खुला था, हालांकि यहां से केवल दुपहिया वाहनों और पैदल राहगीरों की ही आवाजाही हो रही है। चौपहिया वाहनों के लिए यहां से रास्ता नहीं खुला। सुबह जब लोगों ने प्रधानमंत्री को सुना तो उन्हें यह उम्मीद थी कि अब तो बार्डर से रास्ता खोल दिया गया होगा, मगर ऐसा नहीं। आंदोलनकारी अभी अन्य मांग पूरी होने तक संघर्ष जारी रहने का दावा कर रहे हैं। इस बीच जितने भी टीकरी बार्डर पर बैरिकेड के पास वाहन पहुंचे, उन्हें वापस लौटाया। एक-दो वाहनों में मरीज थे। उनके स्वजनों ने बैरिकेड के पास तैनात सुरक्षा बलों से मिन्नतें की, तो उन्होंने रास्ता खोला। यहां से एंबुलेंस की निकासी के लिए व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी वाहन पहुंचे, मगर उन्हें वापस लौटकर दूसरे रास्तों से जाने के लिए कहा गया। अब लोगों को बार्डरों के खाली होने का इंतजार है। आंदोलन में कहीं बंटती रही मिठाई, कहीं पटाखे फोड़े :

प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भाकियू अंबावता के झज्जर जिला अध्यक्ष प्रवीन दलाल ने आंदोलन के बीच मिठाई बांटी और कहा कि यह किसानों के आंदोलन की जीत है। उन्होंने किसानों को बधाई दी। दूसरी ओर आंदोलन के बीच एक जगह पटाखे भी फोड़े गए। हालांकि बाद में आंदोलन के मंच से वक्ताओं ने कहा कि पटाखे फोड़ने और प्रधानमंत्री की घोषणा पर मिठाई बांटने से हमारा संबंध नहीं है। दिल्ली से सेवानिवृत्त प्राचार्या शारदा दीक्षित ने कहा कि जिन्होंने मिठाई बाटी है और पटाखे़ फोड़े हैं, उन्होंने आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की है। अभी केवल कानूनी वापसी की घोषणा हुई है। ये बोले किसान नेता :

प्रधानमंत्री की ओर से तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है। हम इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का इंतजार करेंगे। साथ ही एमएसपी व अन्य मांगों को लेकर लड़ाई अभी जारी रहेगी।

-अमरीक सिंह, जम्हूरी किसान संगठन, पंजाब जब तक संसदीय प्रक्रिया से तीनों कानून वापस नहीं हो जाते और एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सरकार को पहले ही कानून वापसी की घोषणा करनी चाहिए थी। 29 नवंबर को दिल्ली कूच होगा। उससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है।

-रुलदू सिंह मानसा, अध्यक्ष पंजाब किसान यूनियन

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