गेहूं से भरी ट्रॉलियां लौटी मंडी से बैंरग, किसान परेशान

सरकार की ई-ट्रेडिग प्रणाली लागू करने के विरोध में आढ़तियों ने पांचवें दिन भी हड़ताल जारी रखी। एकत्रित होकर मार्केट कमेटी सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 07:30 AM (IST)
गेहूं से भरी ट्रॉलियां लौटी मंडी से बैंरग, किसान परेशान
गेहूं से भरी ट्रॉलियां लौटी मंडी से बैंरग, किसान परेशान

संस, बराड़ा : सरकार की ई-ट्रेडिग प्रणाली लागू करने के विरोध में आढ़तियों ने पांचवें दिन भी हड़ताल जारी रखी। एकत्रित होकर मार्केट कमेटी सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा। आढ़ती एसोसिएशन प्रधान कंवरजीत सिंह विर्क की अगुवाई में आढ़ती दुकानें बंद कर मार्केट कमेटी कार्यालय में एकत्रित हुए और सरकार की आढ़ती व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भड़ास निकाली। विर्क ने कहा कि मंडी में गेहूं की फसल की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन आढ़तियों द्वारा बिलिग कम पेमेंट एजेंट (बीसीपीए) को खत्म करने और ई-ट्रेडिग प्रणाली को लागू करने के विरोध के चलते आढ़ती किसी भी किसान की फसल को नहीं खरीद पा रहे हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। अमरपाल सिंह बजाज ने कहा कि ई-ट्रेडिग लागू होने पर आढ़ती बर्बाद हो जाएंगे। बिलिग कम पेमेंट एजेंट (बीसीपीए) को खत्म करने से अनाज मंडी में समस्याएं बढ़ जाएगी और ई-ट्रेडिग प्रणाली व्यापारियों पर भारी पड़ेगी। अब आढ़ती अपनी समस्याओं के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे। राज्य स्तर की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि जब तक सरकार ई-ट्रेंडिग के बारे में अपना रूख स्पष्ट नहीं करती तब तक गेहूं की फसल की खरीद कोई भी आढ़ती नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि आढ़ती एसोसिएशन की आगामी राज्य स्तरीय बैठक 15 अप्रैल को करनाल में आयोजित होगी, जिसमें आढ़ती आगामी रणनीति तैयार करेगें। इस अवसर पर तीर्थ सिंह बगा, अमरपाल सिंह बजाज, सीता राम, रविन्द्र गर्ग, अनमोल खेत्रपाल, महेन्द्र कुमार, प्रिंस वधवा, ललित गोयल, दिलबाग सिंह मौजूद रहे।

गेहूं की ट्रॉलियां हुई वापस

सरकारी एजेंसियों को गेहूं खरीद के लिए बराड़ा में आढ़तियों का सहयोग आज भी नहीं मिला, जिससे मंडी में गेहूं की खरीद बुधवार को भी नहीं हो पाई। बराड़ा अनाज मंडी में ई-ट्रेडिग व बीसीपीए की व्यवस्था खत्म करने के विरोध में चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही। हड़ताल के चलते किसी भी आढ़ती ने सरकारी एजेंसियों को गेहूं खरीद में कोई सहयोग नहीं दिया। गत मंगलवार को मंडी में गेहूं की कुछ ढेरियां बिकने के लिए अवश्य आई थी, परन्तु खरीद न होने के कारण ढेरियां वैसे ही लगी पड़ी है। बुधवार को भी कई किसान गेहूं काटकर ब्रिकी के लिए अनाज मंडी में लाए, लेकिन आढ़तियों द्वारा दुकानें बंद रखने और मजदूरों की व्यवस्था न होने की वजह से किसानों को गेहूं की भरी हुई ट्रालियां वापस लेकर अपने घर लौटने को मजबूर होना पड़ा। अगर कुछ दिन तक आढ़तियों व सरकार बीच कोई फैसला नहीं होता, तो ऐसे में किसानों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

chat bot
आपका साथी