गृहमंत्री के जनता दरबार में दोबारा पहुंची शिकायत तो डिजीटल डायरी करेगी ट्रेस
गृहमंत्री के जनता दरबार से लेकर आफिस में राज्य भर के फरियादियों की सहूलियत के लिए हाईटेक व्यवस्था शुरू हुई है। इसके लिए चंडीगढ़ में एक सर्वर रूम और सेंट्रल सेंटर बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : गृहमंत्री के जनता दरबार से लेकर आफिस में राज्य भर के फरियादियों की सहूलियत के लिए हाईटेक व्यवस्था शुरू हुई है। इसके लिए चंडीगढ़ में एक सर्वर रूम और सेंट्रल सेंटर बनाया गया है। यहां के साफ्टवेयर में समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र को अपलोड करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारी को मामले का जांच का जिम्मा सौंपा जा रहा है।
पुलिस विभाग से संबंधित शिकायत के लिए एक आईपीएस को और अन्य विभागों के लिए दूसरे अधिकारियों को लगाया गया है। यहां से शिकायत संबंधित जिले के अधिकारी को ट्रांसफर होने के 10 से 15 दिन में जांच रिपोर्ट के साथ मामले में क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी गृहमंत्री को देनी है। इसमें लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। अगर कोई शिकायत लेकर पीड़ित दोबारा गृहमंत्री के पास पहुंचता है और वह प्रार्थना पत्र अपलोड होते ही साफ्टवेयर बता देता है कि इस मामले में कब और क्या कार्रवाई अधिकारी के स्तर से हुई है। एसएचओ स्तर तक कार्यवाही का होगा ब्यौरा
पुलिस विभाग से संबंधित शिकायत को गृहमंत्री सीधे डीजीपी को जांच के लिए भेज देते हैं। डीजीपी कार्यालय से संबंधित जिले के एसपी और उसके बाद डीएसपी और संबंधित थाने के एसएचओ को जांच के लिए लगाया जाता है। अगर फरियादी को संबंधित थाने की पुलिस की कार्यवाही पर भरोसा नहीं होता है तो उसे किसी दूसरे जिले अथवा थाने की पुलिस से जांच कराने के लिए भी स्पष्ट आदेश ब्यौरा होता है। फरियादियों की सुविधा के लिए यह खास व्यवस्था बनाई गई है। हम जनता की सेवा के लिए बने हैं और सरकार में रह कर यह अवसर मिला है। कोई भी फरियादी मायूस न हो उसे न्याय मिलेगा, इसीलिये यह खास पहल करके राज्य के चुनिदा अफसरों को लगाया गया है।
- अनिल विज, गृहमंत्री हरियाणा