संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के बाद डेढ़ करोड़ के चालान, हालात फिर नहीं सुधरे

हादसे व यातायात नियमों को कंट्रोल करने के लिए बेशक संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया लेकिन स्थिति तो कंट्रोल नहीं हुई। हालांकि इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने डेढ़ करोड़ से अधिक राशि के चालान किए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:12 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 07:12 AM (IST)
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के बाद डेढ़ करोड़ के चालान, हालात फिर नहीं सुधरे
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के बाद डेढ़ करोड़ के चालान, हालात फिर नहीं सुधरे

सुरेश सैनी, अंबाला शहर

हादसे व यातायात नियमों को कंट्रोल करने के लिए बेशक संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया, लेकिन स्थिति तो कंट्रोल नहीं हुई। हालांकि इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने डेढ़ करोड़ से अधिक राशि के चालान किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अक्टूबर तक ट्रैफिक पुलिस ने चालान के माध्यम से डेढ़ करोड़ से अधिक राशि एकत्रित की है, जोकि अब तक की सर्वाधिक है। इससे पहले विभाग चालानों से 40 फीसदी ही रिकवरी कर पाता था।

नया एक्ट लागू होते ही पुलिस ने वाहनों के धड़ाधड़ चालान काटे। कई वाहनों को इंपाउंड भी किया गया। कई चालक को ऐसे रहे जिन्होंने भारी चालान कटने के डर से अपने वाहन को वहीं छोड़ दिया और मुड़कर दोबारा लेने नहीं आए। इन सबके बावजूद ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने में पुलिस विफल ही रही है। वाहन चालक खुलेआम नियमों की धज्जियां तोड़ते हुए बेखौफ सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। खासकर कर दोपहिया वाहन चालक। अब तक सबसे बड़ा दस हजार रुपये का हुआ चालान

नए एक्ट से पुलिस ने 10600 रुपये का अब तक सबसे बड़ा चालान किया है। लेकिन सख्ती के बाद भी हादसों पर लगाम नहीं लग पा रही है। दो साल में कुल 973 हादसे हुए। इनमें 478 की मौत और 785 लोग घायल हुए हैं। 2018 में 305 दोपहिया चालक और 145 पैदल यात्री और 2019 में जनवरी से अक्टूबर तक 247 दोपहिया चालक व 88 पैदल यात्री हादसों का शिकार हुए हैं। वहीं हादसों का ग्राफ करने के लिए सरकार ने जुर्माना को दस गुणा बढ़ा दिया गया। हालांकि इस वर्ष हादसे कम हुए हैं, परंतु सख्ती के बाद भी खासकर दो पहिया वाहन चालक नियमों को तोड़ते हुए दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। जागरूकता अभियान भी नहीं हुआ कारगर साबित

यातायात कंट्रोल व हादसों का ग्राफ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से चलाए गए जागरूकता अभियान भी कारगर साबित नहीं हो पाया। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके वाहन चालक खासकर दो पहिया चालक बिना किसी परवाह के सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। चालान पहले और अब

कैटेगिरी पहले अब

बिना हेल्मेट 100 1000

ट्रिपलिग 100 1000

बिना लाइसेंस 500 5000

आरसी 2000 5000

इंश्योरेंस 1000 2000

पोल्यूशन 1000 10000 नए मोटर व्हीकल एक्ट से नियमों के उल्लंघन पर काफी अंकुश लगा है। जो वाहन चालक नियमों की अवहेलना करते हैं उनके चालान काटे जाते हैं। इसके अलावा यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। इसमें शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक व बैनर लगाकर जागरूक किया जा रहा है।

- मनीष सहगल, डीएसपी ट्रैफिक

chat bot
आपका साथी