गड़बड़झाले का संदेह, नप ने आरटीआइ में छिपाई जानकारी

अंबाला छावनी के इंदिरा चौक के नजदीक नगर परिषद की जमीन पर बन रही दुकानों में गड़बड़झाले के संकेत मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 07:10 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 07:35 AM (IST)
गड़बड़झाले का संदेह, नप ने आरटीआइ में छिपाई जानकारी
गड़बड़झाले का संदेह, नप ने आरटीआइ में छिपाई जानकारी

जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी के इंदिरा चौक के नजदीक नगर परिषद की जमीन पर बन रही दुकानों में गड़बड़झाले के संकेत मिल रहे हैं। नगर परिषद ने इन दुकानों को लेकर सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी तक छिपा ली। जानकारी नहीं मिलने से आरटीआइ एक्टिविस्ट ने डीसी से अपील की है। बता दें कि इंदिरा चौक पर दस दुकानें बनाई जा रही हैं। ये दुकानें नगर परिषद की जमीन पर बन रही हैं, लेकिन जो लोग बना रहे हैं, उनको नगर परिषद की ओर से कोई अलाटमेंट लेटर जारी नहीं किया गया। दुकानों की बंदरबांट इस तरह से की गई कि जिसकी पहले कम जमीन थी, उसे अधिक जमीन अलाट कर दी गई। हाईवे चौड़ीकरण के आड़े आ रही दुकानें

मौजूदा नगर परिषद की दस दुकानें बनी हैं, जो अंबाला-साहा हाईवे चौड़ीकरण के आड़े आ रही हैं। ये दुकानें अलग-अलग साइज की बनी हैं, जिनका किराया नगर परिषद में जमा होता है। ये दुकानें तोड़ी जानी हैं, इसलिए इन दुकानों के आसपास नगर परिषद ने अपनी ही जमीन पर दस और दुकानें बनाने का निर्णय लिया। नगर परिषद ने दुकानदारों को राहत तो दे दी, लेकिन दुकानों की अलाटमेंट करने में खेल हो गया। जिसकी दुकान कम थी, उसको अधिक गज दे दिए गए। यहां तक कि दुकानें किसे कहां पर देनी है, उसके बारे में कोई नियम कायदा नहीं अपनाया गया। इस मामले में डीसी अशोक कुमार का कहना है कि नगर परिषद और एसडीएम कार्यालय से ही यह तय हुआ है। इसे चेक कराया जाएगा। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा

दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इंदिरा चौक पर नगर परिषद ने करीब 25 साल पहले दुकानें बनाईं थीं, जिनको किराये पर दिया गया। इन सभी दुकानों का साइज एक जैसा नहीं था। अब सड़क के चौड़ीकरण में ये दुकानें आड़े आईं, जिसके चलते एनएचएआइ ने इनको तोड़ने का प्रपोजल दिया। आलम यह रहा है कि किसी की दुकान 8 गुणा 12, 8 गुणा 14 थी, जिन्हें अब 10 गुणा 26 अलाट किया जाएगा। दुकानों का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक नगर परिषद की ओर से किसी भी किरायेदार को लिखित में अलाटमेंट नहीं दी और न ही किसी को किराये के बारे अवगत कराया है।

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आरटीआइ में यह जानकारियां मांगी थीं

- वित्तायुक्त एवं सचिव, हरियाणा सरकार, स्थानीय शासन विभाग, चंडीगढ़ ने सहायक एस्टेट आफिसर का पद के संदर्भ में यादी क्रमांक 8/70/99-6 क:1 4.02.2020 के पत्र के अनुसार शक्ति का प्रयोग आप कर रहे हैं। इस पत्र की सत्यापित प्रति दें। इसके अतिरिक्त अन्य कोई सरकार का पत्र सहायक एस्टेट आफिसर, एक्साइड एरिया, अंबाला सदर के नाम से जिसमें शक्ति कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, अंबाला सदर के नाम दी गई है। उस पत्र की सत्यापित प्रति दें।

- अंबाला-साहा हाईवे चौड़ीकरण में जो नगर परिषद की दुकानें तोड़ी जाती हैं उनमें कौन-कौन व्यक्ति किरायेदार हैं। उनका नाम व पता बताया जाए

- प्रत्येक दुकान का नक्शा की प्रतियां सत्यापित करके उपलब्ध करवाएं। उनकी लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई बताई जाए।

- प्रत्येक किरायेदार से कितनी राशि प्रत्येक मास की जाती है। वर्ष 2018-19 व 2019-20 में कुल कितना किराया प्रत्येक किरायेदार से प्राप्त किया। सूचना दें तथा कितना किराया शेष है यह भी बताएं।

- स्टेट हाईवे जो वर्तमान में एनएच 444ए पर बनी हुई दुकानों को तोड़कर पुन: उन्हीं किरायेदारों को पुन: दूसरी जगह देने के सरकार के जो नियम हैं उन नियमों की सत्यापित प्रति दें।

- किराएदारों को पुन: दुकानें देते समय पर्ची या किस नियम द्वारा दुकान स्वयं बनाकर या वह स्वयं बनाने के जो नियम हैं उसकी सत्यापित प्रति दें।

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