गंदगी से भरे सार्वजनिक शौचालय, पास से गुजरना भी मुश्किल
छावनी के बाजारों में लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए सार्वजनिक शौचालय (यूरिनल) जहां अपना वजूद खो रहे हैं वहीं इनका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। इनकी हालत ऐसी है कि इस्तेमाल करना तो दूर इनके आसपास खड़ा होना भी मुश्किल है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: छावनी के बाजारों में लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए सार्वजनिक शौचालय (यूरिनल) जहां अपना वजूद खो रहे हैं, वहीं इनका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। इनकी हालत ऐसी है कि इस्तेमाल करना तो दूर इनके आसपास खड़ा होना भी मुश्किल है। यह हालात तब है, जब स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जाते रहे हैं। लोग भी कहते हैं यह छोटी सी सुविधा देने में ही निगम फेल साबित हो रहा है। इनको बनाने के बाद न तो कभी अधिकारियों ने इनकी सुध ली और न ही इनकी नियमित सफाई होती है। सारा दिन इन शौचालयों के आसपास बदबू का आलम रहता है।
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अंबाला छावनी के किसी भी बाजार में देख लें, यहां शौचालय पूरी तरह गंदगी से भरे मिलेंगे। इनको शायद ही कभी साफ किया जाता हो। इसी कारण से बाजार के लोग हमेशा ही परेशान रहते हैं, जबकि यह तो मात्र शोपीस बने हुए हैं।
- अमन कुमार, अंबाला छावनी
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यह परेशानी कोई आज से नहीं है, जबकि लंबे समय से है। एक बार इनको बनाने के बाद इसकी सुध तक नहीं ली गई। जब सुविधा दी जा रही है, तो इसका रखरखाव भी तो करना चाहिए। अब तो यह इस्तेमाल के लायक भी नहीं बचे हैं।
- राजेश, अंबाला छावनी
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छावनी में कहीं भी इस तरह शौचालय देख लो इनका इस्तेमाल तो कोई कर ही नहीं सकता। इन में इतनी गंदगी है कि पास से गुजरना भी मुश्किल है। मार्केट आने वाले लोग और दुकानदार परेशान होते हैं।
- लक्ष्य कुमार, अंबाला छावनी
---------- सार्वजनिक शौचालयों पर तो लगता है अफसरों ही नहीं कर्मचारियों ने भी देखना छोड़ दिया है। सुलभ शौचालय हैं, तो वह काफी दूर-दूर बने हैं। ऐसे में आम जनता जो बाजार आती है वह परेशान हो रही है।
- हरीश, अंबाला छावनी
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