गर्मी से फिर रुलाएगा पानी
-------- उमेश भार्गव अंबाला शहर गर्मी ने दस्तक दे दी है। साथ ही पेयजल का संकट भी गहराने
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उमेश भार्गव अंबाला शहर
गर्मी ने दस्तक दे दी है। साथ ही पेयजल का संकट भी गहराने लगा है। जनस्वास्थ्य विभाग लोगों को स्वच्छ और पूरा पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। हालात ये हैं कि अधिकारी जिलास्तर की बैठक में सरकार के नुमाइंदों तक को गुमराह कर स्थिति को सामान्य बता रहे हैं। इस बार भी कुछ ऐसा हो रहा है। उधर, सिर्फ नगर निगम क्षेत्र में ही 55 ट्यूबवेल खराब पड़े हैं। जो चल रहे हैं उनमें से कुछ में दूषित पानी निकल रहा है। इन हालात में गर्मी में पेयजल संकट होना तय है।
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अधिकारी ने सांसद को किया गुमराह
गत 19 फरवरी को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी की बैठक में सांसद रतन लाल कटारिया ने जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एक्सईएन से सवाल किया कि जिले में कितने ट्यूबवेल बंद हैं? इस पर एक्सईएन ने बताया कि सभी ट्यूबवेल सुचारू हैं। कुछ जगह के अस्टीमेट बनकर गए हैं। जिन्हें जल्द ही लगवा दिया जाएगा। दैनिक जागरण की पड़ताल में विभाग के दावे कहीं नहीं टिक पाए। इसके बाद जब एक्सईएन सौरभ अहलावादी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह किसी को क्यों बताएं कि कहां-कहां कितने ट्यूबवेल खराब हैं?
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नहीं लगे रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम
स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो साल में विभाग रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम कहीं नहीं लगा पाया। खराब ट्यूबवेल की जगह यह लगाए जाने थे, ताकि इनके माध्यम से भूजल में सुधार किया जा सके, लेकिन विभाग यहां भी फेल रहा।
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ये ट्यूबवेल पड़े खराब
भुरंगपुर, बलाना, मल्लौर, सखरौं, मटेहड़ी शेखां, आनंदपुर जलबेहड़ा, बहपुर, भानोखेड़ी खुद, लिहारसा, बिसनगढ़ विभाग के रिकार्ड में इन गांव के नाम दर्ज हैं जहां ट्यूबवेल खराब पड़े हैं। इसी तरह छावनी एरिया में बब्याल, डिफेंस कालोनी सेक्टर डी, रामपुर, मच्छौंडा चंद्रपुरी और सुंदर नगर यहां भी ट्यूबवेल खराब हैं। इसी तरह छावनी में दयालबाग और वशिष्ठ नगर में भी स्थिति खराब है। यह हालत तो शहर और छावनी के एरिया की है। जबकि गांवों की स्थिति इससे भी बदतर है।
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कितनी खपत, कितना हो रहा उपलब्ध
विभागीय आंकड़ों की बात करें तो छावनी और शहर एरिया में गर्मी में पानी की प्रति व्यक्ति खपत 140 लीटर है, लेकिन आपूर्ति 120 लीटर ही विभाग कर पा रहा है। छावनी और शहर एरिया की जनता रोजाना दो फीट यानि 40 लाख गैलेन पीने का पानी खपत करती है। दयाल बाग और महेश नगर में हर सीजन में जल संकट रहता है। इसकी एक वजह से इन दोनों क्षेत्रों में ट्यूबवेल न के बराबर हैं। इसीलिए इस एरिया में रहने वाली हजारों की आबादी नहरी पानी पर पूरी तरह से निर्भर हो चुकी है। इसी तरह बीडी फ्लोर मिल के पीछे, हाउ¨सग बोर्ड और सुभाष नगर एरिया में भी जनता जल संकट से जूझती है। टांगरी के नजदीक की कालोनियों की भी यही हालत है।
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पेश की खामियों भरी रिपोर्ट
जिला विकास एवं समन्वय कमेटी की बैठक में भी एक्सईएन सिटी ने खामियों से भरी रिपोर्ट पेश कर सभी अधिकारियों यहां तक कि सांसद रतनलाल कटारिया को भी गुमराह करने का काम किया। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार शहर में 111.40 लाख के कार्य का एस्टीमेट बनाया गया और सरकार ने 25.38 लाख रुपये विभाग को दिए। जब 25 लाख रुपये दिए तो खर्च 94.94 लाख कैसे दिखाया? इसी तरह अंबाला छावनी में 92.86 लाख के अस्टीमेट बने, 17.45 लाख रुपये जारी हुए और खर्च 64.34 लाख दिखाए गए हैं।
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कहां कितने ट्यूबवेल खराब ट्यूबवेल
अंबाला शहर 149 20
अंबाला छावनी व मुलाना हलका 422 22
इसके अलावा नारायणगढ़ हलके के खराब व ठीक ट्यूबवेल की संख्या अलग है।
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हम क्यों किसी को खराब ट्यूबवेल की जानकारी दें और किस लिए दें? जो खराब होंगे उनके एस्टीमेट हमने बनाकर भेजे हुए हैं।
सौरभ अहलावादी, एक्सईएन, शहर।
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एक्सईएन ने यह बात क्यों कही यह तो वही बता सकते हैं। मैं सोमवार को खराब ट्यूबवेल की जानकारी उपलब्ध करा दूंगा। हां 5-6 ट्यूबवेल तो शहर एरिया में खराब जरूर हैं। कुछ के एस्टीमेट भी गए हुए हैं।
-बीडी भंखड, एसई।
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फोटो: 09
अभी भी कई-कई दिन पानी नहीं आता। गर्मी में तो हमें पानी खरीदकर लाना पड़ता है। ट्यूबवेल एक जगह अब लगाया तो है लेकिन चलाया नहीं।
विक्की, दयालबाग।
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फोटो: 10
हर बार गर्मी में पानी के लिए तरसते हैं लेकिन इस बार तो अभी से पहले पानी नहीं आ रहा।
इंद्रपाल खन्ना, वशिष्ठ नगर।
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