विवादों के बीच फिरोजपुर सीनियर डीसीएम का एक साल में दूसरी बार तबादला, अब अंबाला आए

रेलवे के फिरोजपुर मंडल के सीनियर डीसीएम हरिमोहन का एक बार फिर तबादला कर दिया गया है। उनका एक साल में यह दूसरा तबादला है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 20 Dec 2018 12:54 PM (IST) Updated:Thu, 20 Dec 2018 08:44 PM (IST)
विवादों के बीच फिरोजपुर सीनियर डीसीएम का एक साल में दूसरी बार तबादला, अब अंबाला आए
विवादों के बीच फिरोजपुर सीनियर डीसीएम का एक साल में दूसरी बार तबादला, अब अंबाला आए

अंबाला, [दीपक बहल]। ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन से उभरे विवाद के बीच फिरोजपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम हरिमोहन का एक बार फिर तबादला कर दिया गया है। इस बार उनका तबादला अंबाला रेल मंडल में हुआ है।  एक साल में दूसरी बार उनका तबादला हुआ है। उनका कर्मचारी नेताअों से विवाद चल रहा था।

महिला कर्मचारी का तबादला रुकवाने के लिए उनको यूनियन नेताओं ने धमकाया था, ऑडियो हुअा था वायरल

मालूम हो कि एक महिला कर्मचारी का तबादला रुकवाने के लिए यूनियन नेता ने सीनियर डीसीएम को मोबाइल पर धमकाया था। इसका ऑडियो तक वायरल हुआ था। ऑडियो में कर्मचारी नेता ने कहा था कि तुम्हारे जैसे कई सीनियर डीसीएम देखे हैं, तुम्हे पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफ रेलवे) भिजवाऊंगा। इस विवाद में फिरोजपुर में अफसरशाही एक हो गई थी, लेकिन छह माह में सीनियर डीसीएम को वहां से हटना पड़ा।

उत्तर रेलवे मुख्यालय ने इसी के जरिये मुरादाबाद मंडल में अफसरशाही के बीच चल रही खींचतान खत्म कर दिया और वहां के सीनियर डीसीएम विवेक शर्मा का तबादला फिरोजपुर कर दिया। हालांकि, शर्मा का कार्यकाल भी अभी पूरा नहीं हुआ था।

जून 2018 में जम्मू-कश्मीर के चीफ एरिया मैनेजर हरिमोहन को फिरोजपुर मंडल में बतौर सीनियर डीसीएम नियुक्त किया गया। यहां एक महिला कर्मी का तबादला रुकवाने को लेकर विवाद छिड़ गया। दरअसल, जालंधर पार्सल में कार्यरत उक्त महिला का तबादला वर्ष 2012 में फगवाड़ा कर दिया गया था। वहां अनरिजर्व टिकट सर्विस (यूटीएस) में उसकी ड्यूटी लगाई गई। मार्च 2017 में उसके अनुरोध पर तबादला फगवाड़ा में ही गुड्स आफिस में कर दिया गया।

यूनियन चाहती थी कि उसके यूटीएस में ही रखा जाए। यूटीएस से उसे रिलीव नहीं किया गया। उधर, गुड्स में काम प्रभावित होने लगा। जरूरत पडऩे पर कॉमर्शियल इंस्पेक्टर अन्य दो कर्मचारियों की ड्यूटी वहां लगा देता था। एक दिन दोनों कर्मचारी छुट्टी पर थे और ऐसे में स्टाफ का संकट पैदा हो गया।

इसी तबादले को रुकवाने के लिए यूनियन नेता ने अक्टूबर माह में सीनियर डीसीएम को फोन पर धमकाया था। दोनों के बीच काफी कहासुनी हुई थी। 23 अफसरों ने हस्ताक्षर कर पूरे मामले पर आपत्ति जताई व मामला जीएम के सामने रखा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी तक मामला पहुंचा। अफसरों ने यूनियन से कोई बैठक नहीं करने का फैसला कर लिया था।

ऐन वक्त पर बदल दिया गया नाम

अंबाला मंडल में ही तैनात एक महिला अधिकारी को सीनियर डीसीएम बनाने के लिए दिल्ली मुख्यालय तक सहमत हो चुका था, लेकिन अंबाला से ही एक अधिकारी ने कुछ ऐसा किया कि सबकुछ बदल गया।

chat bot
आपका साथी