फर्जीवाड़े में फंसे आरपीएफ इंस्पेक्टर सहित नौ, 6 की रोकी इंक्रीमेंट

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के इंस्पेक्टर सहित नौ कर्मचारी फर्जीवाड़ा और अफसरों को गुमराह करने में फंस गए हैं। इन सभी को चार्जशीट जारी कर अंबाला रेल मंडल के सीनियर कमांडेंट आरपीएफ ने जवाब तलब किया था। इन में से छह लोगों को विभागीय जांच में दोषी करार देते हुए इनक्रीमेंट रोक दी गई जबकि कुछ की सजा का मामला अभी विचाराधीन है। नई दिल्ली से चंडीगढ़ आरपीएफ पोस्ट पर चार जवानों को चंडीगढ़ से जाना था जिनमें से तीन अंबाला ही उतर गए जबकि इनकी मौजूदगी चंडीगढ़ में दर्शायी गई। इसी फर्जीवाड़े में नीचे से लेकर पोस्ट के इंस्पेक्टर तक लपेटे में आए। यह मामला रफा दफा करने की कोशिशों में थी जबकि इसी बीच दैनिक जागरण ने इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। अंबाला के सहायक आयुक्त ने जांच कर सच उजागर कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 06:40 AM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 06:40 AM (IST)
फर्जीवाड़े में फंसे आरपीएफ इंस्पेक्टर सहित नौ, 6 की रोकी इंक्रीमेंट
फर्जीवाड़े में फंसे आरपीएफ इंस्पेक्टर सहित नौ, 6 की रोकी इंक्रीमेंट

जागरण प्रभाव

- दिल्ली से चंडीगढ़ वापसी में अंबाला ही उतर गए थे आरपीएफ के तीन जवान, चंडीगढ़ में दिखाया खुद को मौजूद

- 9 में से 6 कर्मचारियों को विभागीय तौर पर पाया गया दोषी, किया चार्जशीट

दीपक बहल, अंबाला

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के इंस्पेक्टर सहित नौ कर्मचारी फर्जीवाड़ा और अफसरों को गुमराह करने में फंस गए। इन सभी को चार्जशीट जारी कर अंबाला रेल मंडल के सीनियर कमांडेंट आरपीएफ ने जवाब तलब किया था। इन में से छह लोगों को विभागीय जांच में दोषी करार देकर इंक्रीमेंट रोक दी गई, जबकि कुछ की सजा का मामला अभी विचाराधीन है। आरपीएफ पोस्ट पर चार जवानों को नई दिल्ली से चंडीगढ़ जाना था, जिनमें से तीन जावन अंबाला ही उतर गए, जबकि इनकी मौजूदगी चंडीगढ़ में दर्शायी गई। इसी फर्जीवाड़े में नीचे से लेकर पोस्ट के इंस्पेक्टर तक लपेटे में आए। यह मामला रफा दफा करने की कोशिशें थी, जबकि इसी बीच दैनिक जागरण ने इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। अंबाला के सहायक आयुक्त ने जांच कर सच उजागर किया। हुआ यूं कि कोरोना काल में लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को अपने गृह राज्य पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें मई में दौड़ रहीं थीं। चंडीगढ़ आरपीएफ पोस्ट से स्पेशल ट्रेन में चार जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिनको वापसी चंडीगढ़ ही करनी थी। नई दिल्ली से चंडीगढ़ जाते समय इन चार जवानों में तीन जवान अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर ही उतर गए। एक जवान इन कर्मचारियों का असलहा लेकर चंडीगढ़ पहुंच गया और इनको चंडीगढ़ पहुंचा दिखा दिया। आरपीएफ के ड्यूटी अधिकारी, रोजनामचे पर बैठे कर्मचारी सहित सभी की मिलीभगत से यह खेल हुआ। 14 मई को दैनिक जागरण ने इस खेल का पर्दाफाश किया। सहायक आयुक्त ने अपनी जांच में पाया कि तीन जवान अंबाला ही उतर गए थे, जिन्हें चंडीगढ़ पहुंचना चाहिए था। अंबाला उतरे तीनों जवानों की हाजिरी चंडीगढ़ में दर्शाई गई। ऐसे में जांच में इन चारों को दोषी ठहराया गया। इसके अलावा ड्यूटी आफिसर और रोजनामचे पर बैठे जवान को भी इस मामले में जिम्मेदार ठहराया गया। इस मामले के छींटे पोस्ट प्रभारी पर भी पड़े। पिस्टल से गोली चलने में भी ठहराया जिम्मेदार

अंबाला उतरे जवानों ने भी अपना पिस्टल साथी को दे दिया था, जिसे चंडीगढ़ जमा करवा दिया था। इस पिस्टल के जमा होने के बाद एक अन्य सब इंस्पेक्टर से गोली चल गई, जिस कारण वह घायल भी हो गया था। इस सब इंस्पेक्टर को भी चार्जशीट दी गई और साथ में मालखाना इंचार्ज को भी जिम्मेदार माना गया था। उधर, अंबाला मंडल के सीनियर कमांडेंट ने कहा कि 9 लोगों को चार्जशीट दी गई थी, जिनमें से कुछ को विभागीय जांच में दोषी भी ठहरा दिया गया।

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