नर्सरियों से होगा खेलों का विकास : अरूण कांत

पवन पासी, अंबाला भले ही अंबाला खेल मंत्री का जिला है लेकिन यहां सालों से नवोदित खिलाड़ियों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 May 2017 01:03 AM (IST) Updated:Mon, 29 May 2017 01:03 AM (IST)
नर्सरियों से होगा खेलों का विकास : अरूण कांत
नर्सरियों से होगा खेलों का विकास : अरूण कांत

पवन पासी, अंबाला

भले ही अंबाला खेल मंत्री का जिला है लेकिन यहां सालों से नवोदित खिलाड़ियों को दिए जाने वाले भीम पुरस्कारों, अर्जुन अवार्ड जैसे पुरस्कारों का भी सूखा चला आ रहा है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि अब जिले में विभिन्न खेलों के ढांचागत विकास व कोच आदि को लेकर व्यवस्था में सुधार दिखा है। ऐसे मे खेल विभाग को उम्मीद है कि संसाधन एवं पर्याप्त कोच होने का असर आने वाले दिनों में धरातल पर दिखेगा। इसी संदर्भ में दैनिक जागरण ने जिला खेल विभाग के मुखिया अरूण कांत से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इसमें जिले में खेल के पिछड़ेपन से लेकर विभाग की सुधार की योजनाओं को लेकर सवाल जवाब किए गए। इस चर्चा में जहां जिला खेल अधिकारी अरूण कांत ने अब तक के पिछड़ेपन के पीछे सालों तक संसाधनों एवं खेल प्रशिक्षकों की संख्या की कमी को जिम्मेदार ठहराया वहीं उनका कहना है कि चालू प्रोजेक्ट मील के पत्थर साबित होंगे।

जिले में विभिन्न स्कूलों में मंजूर की गई खेल नर्सरियां धरातल पर कब काम करती नजर आएंगी?

जिले के विभिन्न स्कूलों में लड़कों व लड़कियों की 10-10 नर्सरियां मंजूर हो चुकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह नर्सरियां इसी सत्र में शुरू हो जाएंगी। इन नर्सरियों का ढांचा उन खेल मंत्री ने उन देशों की तर्ज पर तैयार कराया है जो खेल में अपनी धाक जमाए हुए हैं। रियो ओलंपिक के बाद से इस दिशा में काम चल रहा था। खेल नर्सरियों से विभिन्न खेलों का विकास होगा।

फुटबाल पॉलीग्रास टर्फ किस स्टेज पर है और राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद जिले में इस खेल के लिए स्टेडियम नहीं होने की वजह और हॉकी को लेकर आगे की योजना क्या है?

वार हीरोज स्टेडियम में लगभग 48 करोड़ से बनने वाले फुटबाल पॉलीग्रास टर्फ का काम शुरू हो चुका है। यह उत्तर भारत का अपनी तरह का अकेला टर्फ होगा। इस पर अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जा सकेंगे। इससे अंबाला को एक बार फुटबाल की पुरानी पहचान हासिल करने में मदद मिलेगी। वहीं, हॉकी के लिए स्टेडियम की तलाश जारी है। कांवला में स्टेडियम की जगह अनुकूल नहीं है। गांधी ग्राउंड चिन्हित किया गया था लेकिन यहां नाला पास होने व जलभराव की समस्या है। इसको लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉकी एसोसिएशन की भी मांग रही है ताकि मैदान चिन्हित होने के बाद एस्ट्रोटर्फ लगाया जा सके। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

जिम्नास्टिक जिले का लोकप्रिय खेल है और इसमें बच्चों की संख्या के मुताबिक संसाधन उतने ज्यादा नहीं है। उपकरण काफी पुराने हैं। इसको लेकर महकमा क्या कर रहा है?

जिम्नास्टिक हॉल की छत बरसात में टपकती थी लेकिन खेल मंत्री के निर्देशों पर इस छत को बदलवा दिया गया है। फाल सी¨लग को लेकर 32 लाख रुपये के काम का प्रस्ताव बनाकर महकमे को भेजा हुआ है। उपकरण आधुनिक हों इसको लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। महकमे इस दिशा में काम कर रहा है।

खंड स्तर पर बनाए गए राजीव गांधी खेल स्टेडियमों की दशा को सुधारने के लिए क्या किया जा रहा है। नारायणगढ़ में मुख्यमंत्री द्वारा स्टेडियम बनाने की घोषणा को लेकर क्या स्थिति है?

सभी छह खंडों में पड़ने वाले राजीव गांधी खेल स्टेडियमों के सुधार को लेकर 60 लाख रुपये का बजट मंजूर हुआ है। वहीं, गांवों में खेलो इंडिया खेलों के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें खंड स्तर, जिला स्तर व राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी जिसका महाकुंभ हिसार में संपन्न होगा। नारायणगढ़ के खेल स्टेडियम के लिए जगह चिन्हित करने को लेकर अड़चन आ रही थी। आसपास की जमीनें केसों में उलझी थी। हालांकि, अब बड़ागढ़ गांव में स्टेडियम की जगह चिन्हित कर ली गई है। ड्राइंग लगभग फाइनल हो चुकी है।

जिला नवोदित खिलाड़ियों को दिए जाने वाले भीम अवार्ड को भी तरस गया है और अर्जुन अवार्ड तो बड़ी दूर की कौड़ी हो गई है इसके पीछे कौन जिम्मेदार है?

स्थानीय विधायक अनिल विज के खेल मंत्री बनाए जाने से पहले जिले में खेल संसाधनों व प्रशिक्षकों को लेकर हालात दयनीय हो चुकी थी। जो एक वजह रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अंबाला की कुश्ती को लेकर कोई लोकप्रियता नहीं रही लेकिन अब कुश्ती कोच हासिल होने के बाद यहां के खिलाड़ियों ने राज्य स्तर पर गोल्ड व सिल्वर मेडल जीते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले दिनों में खेल को लेकर सूरत बदलेगी।

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