कांग्रेस की फूट खुलकर दिखी शहर और छावनी में, हुड्डा ने बनाए रखी दूरी

प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा शहर और छावनी से इन चुनावों में दूरी बनाए रखना अंबाला में लोग नए नजरिये से देख रहे हैं। हालांकि वे नारायणगढ़ और मुलाना में प्रचार के लिए आए लेकिन ट्विन सिटी में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार करने नहीं आए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Oct 2019 08:14 AM (IST) Updated:Fri, 25 Oct 2019 08:14 AM (IST)
कांग्रेस की फूट खुलकर दिखी शहर और छावनी में, हुड्डा ने बनाए रखी दूरी
कांग्रेस की फूट खुलकर दिखी शहर और छावनी में, हुड्डा ने बनाए रखी दूरी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा शहर और छावनी से इन चुनावों में दूरी बनाए रखना अंबाला में लोग नए नजरिये से देख रहे हैं। हालांकि वे नारायणगढ़ और मुलाना में प्रचार के लिए आए, लेकिन ट्विन सिटी में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार करने नहीं आए। अब इसे गुटबाजी कहें या फिर कुछ और कि इसके कई मायने लगाए जा रहे हैं। हालांकि सैलजा ने चारों विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था। उल्लेखनीय है कि अंबाला में दो सीटों पर भाजपा तो दो सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है।

उल्लेखनीय है कि हुड्डा के नजदीकी पूर्व राजस्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह जहां अंबाला शहर से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए, वहीं कांग्रेस में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव चित्रा सरवारा अंबाला छावनी से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गईं। शहर से कुमारी सैलजा के नजदीकी पूर्व पार्षद हिम्मत सिंह भी टिकट न मिलने पर निर्मल सिंह के समर्थन में उतरे थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा न तो शहर में प्रचार करने आए और न ही छावनी में। इसी को लेकर अब चर्चाएं होने लगी हैं कि आखिर पूर्व सीएम ने शहर और छावनी सीट पर प्रचार क्यों नहीं किया। अब चुनाव हो चुके हैं, जबकि कांग्रेस की दो सीटों पर हार और दो सीटों पर जीत के भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे है।

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