हवन कर सुख-शांति की कामना की

By Edited By: Publish:Thu, 11 Apr 2013 07:12 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2013 12:19 AM (IST)
हवन कर सुख-शांति की कामना की

जागरण संवाद केंद्र, अंबाला शहर :

भारत विकास परिषद महर्षि दयानंद शाखा ने बृहस्पतिवार को भारतीय नव वर्ष विक्रमी संवत 2070 का स्वागत हवन यज्ञ करके किया। इस अवसर पर सदस्यों ने विश्व की सुख शांति और समृद्धि की कामना की।

नव वर्ष प्रतिपदा के उपलक्ष्य में सेक्टर-7 स्थित परिषद के स्थायी सेवा सदन कोठी नंबर 500 में सुबह विश्व बंधुत्व व विश्व कल्याण के लिए पंडित द्वारा वैदिक रीति रिवाजों के साथ यज्ञ किया। यज्ञ में भारत विकास परिषद महर्षि दयानंद शाखा की नई व पुरानी कार्यकारिणी के सदस्यों ने भाग लिया। सदस्यों ने पूर्णाहुति के साथ हवन को संपन्न कराया। विवेक गुप्ता व दीपक आनंद ने सदस्यों को विस्तार से विक्रमी संवत के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारा नववर्ष है। यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। इस दिन से एक अरब 97 करोड़ 39 लाख 49 हजार 109 वर्ष पूर्व इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्मा जी ने जगत की रचना प्रारंभ की। वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है। विक्रमी संवत का पहला दिन उसी राजा के नाम पर संवत् प्रारंभ होता था जिसके राज्य में न कोई चोर होए न अपराधी हो और न ही कोई भिखारी हो। सम्राट विक्रमादित्य ने 2067 वर्ष पहले इसी दिन राज्य स्थापित किया था। प्रभु राम ने इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिए चुना। इसी दिन संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस है। नवरात्र स्थापना शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन 5112 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ। नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है। इस अवसर पर विवेक गुप्ता, भारती खन्ना, दीपक आनंद, संजय अग्रवाल, हरिंदर शर्मा, विवेक सबलोक, श्रीमति प्रियंका, रितु, मीना, पूनम, इंदु व डॉ. बहल आदि मौजूद थे।

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