गुजरात में जलसंग्रह अभियान शुरू करेगी सरकार

मुख्य सचिव डॉ जेएन सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत 13 हजार तालाब चैकडेम गहरे कराए जाएंगे।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Apr 2018 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 30 Apr 2018 05:35 PM (IST)
गुजरात में जलसंग्रह अभियान शुरू करेगी सरकार
गुजरात में जलसंग्रह अभियान शुरू करेगी सरकार

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात को जलसंकट से उबारने के लिए सरकार राज्य के स्थापना दिवस एक मई से सुजलाम सुफलाम जलसंग्रह अभियान शुरू करेगी। इसके तहत परंपरागत जलस्रोत को गहरा करने, चैकडेम बनाने, नए तालाब व टांके बनाने के साथ नहरों की सफाई के साथ 32 नदियों को पुनर्जीवित कर 11000 लाख घनफुट वर्षाजल संग्रह किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के नहीं आने से एक बार फिर उनकी नाराजगी की अटकलें लग रही है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2001-2002 में गुजरात में चैकडेम व खेत तलावडी अभियान चलाया था, जिसे आगे बढ़ाते हुए गुजरात सरकार जनसंग्रह अभियान शुरू कर रही है। सरकार के पांच विविध विभाग इस पर करीब साढे तीन सौ करोड़ रुपये खर्च करेंगे। साथ ही, जनभागीदारी के तहत 4 हजार जेसीबी, हिटाची, पॉकलेन तथा 8000 ट्रैक्टर व अन्य उपकरणों के जरिए पूरे महीने यह अभियान चलाया जाएगा, ताकि वर्षा जल को बहने से रोका जा सके।

मुख्य सचिव डॉ जेएन सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत 13 हजार तालाब चैकडेम गहरे कराए जाएंगे। 32 नदियों को 340 किमी तक पुनर्जीवित किया जाएगा तथा 580 किमी नहरों की सफाई होगी। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत दस हजार काम होंगे। अभियान के खर्च व कार्य में पारदर्शिता के लिए वे खुद इसकी मॉनीटरिंग करेंगे। मुख्यमंत्री रूपाणी 1 मई को राज्य के स्थापना दिवस पर भरुच अंकलेश्वर के गांव कोसमडी में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा व मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य, सांसद, विधायक आदि भी 15-15 दिन इस अभियान से जुड़ेंगे।

जलसंग्रह को लेकर आयोजित पत्रकार परिषद को मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दोनों को संबोधित करना था, लेकिन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सूचना विभाग को अपने नहीं आने की सूचना नहीं दी तथा ना ही इसमें शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, शनिवार शाम को मुख्यमंत्री के आग्रह पर खुद सूचना विभाग के अधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री के इस पत्रकार वार्ता में उपस्थित रहने की स्वीकृति लेने के बाद उनका नाम परिपत्र में शामिल किया था, लेकिन रविवार को बिना कोई कारण बताए नितिन पटेल अनुपस्थित रहे। जिससे एक बार फिर उनके नाराज होने की अटकलें लग रही हैं। वे मोबाइल पर भी किसी से संपर्क में नहीं थे।

गौरतलब है कि रूपाणी सरकार के मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद वे वित्त मंत्रालय छिन जाने से नाराज होकर सचिवालय जाना छोड़ दिया था, वित्त मंत्रालय मिलने के बाद ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला था।  

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