भाजपा पार्षद पर हमले के मामले में हार्दिक व अल्पेश पर कसा कानूनी शिकंजा

भाजपा पार्षद पर हमला करने व उपद्रव करने तथा आपराधिक षड्यंत्र करने के मामले में हार्दिक के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 06 Apr 2018 12:46 PM (IST) Updated:Fri, 06 Apr 2018 12:47 PM (IST)
भाजपा पार्षद पर हमले के मामले में हार्दिक व अल्पेश पर कसा कानूनी शिकंजा
भाजपा पार्षद पर हमले के मामले में हार्दिक व अल्पेश पर कसा कानूनी शिकंजा

अहमदाबाद, जेएनएन। भाजपा पार्षद पर हमला मामले में अग्रिम जमानत पर छूटे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पर कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए गुजरात सरकार ने सैशंस कोर्ट के समक्ष जमानत रद करने की मांग की है।

उधर, बनासकांठा के एसपी ने कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पर मानहानि का दावा ठोका है, अल्पेश ने एसपी पर शराब के अवैध कारोबारियों से लाखों रुपए की हप्तावसूली का आरोप लगाया था।

गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल व ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर की खूब चर्चा रही थी। सरकार व भाजपा को घेरने में दोनों नेताओं ने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। दोनों युवा नेता अब कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। सरकारी वकील सुधीर ब्रमहभट्ट ने सैशंस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर हमला व उपद्रव फैलाने के मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल की जमानत रद्द करने की मांग की है। सरकार की ओर से वकील ने बताया कि 3 मार्च, 2017 में अहमदाबाद के रामोल में भाजपा पार्षद परेश पटेल के घर पर हमला करने व उपद्रव करने तथा आपराधिक षड्यंत्र करने के मामले में हार्दिक के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी।

हार्दिक ने 13 अप्रेल को इस मामले में अग्रिम जमानत हासिल कर ली लेकिन अदालत ने केस का निपटारा होने तक रामोल में नहीं आने की शर्त पर ही हार्दिक की जमानत मंजूर की थी। सरकारी वकील ब्रम्हभट्ट ने बताया कि हार्दिक 3 जनवरी को अपने साथियों के साथ रामोल में आया था। हार्दिक की सुरक्षा में लगे दो कांस्टेबलों ने इसकी पुष्टि कर दी है जिसके आधार पर सरकार अब हार्दिक की अग्रिम जमानत खारिज करने की मांग की है। अदालत इस मामले में 9 अप्रेल को सुनवाई करेगी।

कांग्रेस विधायक व ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भी कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं, बनासकांठा डीसा तहसील के गांव आसेडा में गत फरवरी 2018 में आयोजित एक सभा में अल्पेश ने जिले के पुलिस अधीक्षक नीरज बडगुजर पर आरोप लगाया था कि वह शराब के अवैध कारोबारियों से सांठगांठ कर हर माह 42 लाख रु की हप्तावसूली करते हैं।अल्पेश ने इस सभा में कहा था कि नीरज बूटलेगर से हप्तावसूली करते हैं, उनका भोला चेहरा देखकर कोई सोच नहीं सकता, वे सोचते थे कि उनको यहां रोकने वाला कोई नहीं है पर अब वे ऐसा नहीं चलने देंगे।

स्थानीय मीडिया में एक रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद एसपी बडगुजर ने अल्पेश पर मानहानि का दावा ठोक दिया। अदालत ने अल्पेश को समन भेजकर आगामी 3 मई को हाजिर रहने को कहा है।

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