बाप-बेटों ने फर्जी स्टॉक दिखाकर 11 बैंकों को लगाया चूना

आरोप है कि कंपनी ने क्रेडिट सुविधा का फायदा उठाते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की 11 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 10 Apr 2018 12:51 PM (IST) Updated:Tue, 10 Apr 2018 12:51 PM (IST)
बाप-बेटों ने फर्जी स्टॉक दिखाकर 11 बैंकों को लगाया चूना
बाप-बेटों ने फर्जी स्टॉक दिखाकर 11 बैंकों को लगाया चूना

नई दिल्ली, प्रेट्र। 2,654 करोड़ रुपये के बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को वडोदरा की कंपनी डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआइएल) के सात ठिकानों पर छापा मारकर चल-अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज जब्त कर किए। कंपनी के मालिक और उनके बेटे एजेंसी के हाथ नहीं आए।

ईडी अधिकारियों के अनुसार छापे की कार्रवाई गोरवा, वडाडाला, रानोली, निजामपुरा और न्यू अल्कापुरी इलाकों में की गई। सीबीआइ द्वारा हाल ही में कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ईडी ने प्रवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। उसी के परिणामस्वरूप छापेमारी की गई। सीबीआइ ने कंपनी के ठिकानों पर पिछले हफ्ते तलाशी की कार्रवाई की थी। ईडी की कार्रवाई में कंपनी के 31 अन्य कंपनियों के साथ लेन-देन का पता चला है।

सभी कंपनियों को डीपीआइएल के साथ कारोबार और भुगतान तत्काल बंद करने के लिए कहा गया है। कंपनी बिजली के केबल और अन्य उपकरण बनाती है। एसएन भटनागर और उनके बेटे- अमित और सुमित इसके मालिक हैं। आरोप है कि कंपनी ने क्रेडिट सुविधा का फायदा उठाते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की 11 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की। 29 जून, 2016 को इस धनराशि का आकलन 2,654 करोड़ किया गया। इसके बाद रिजर्व बैंक की बकायेदारों की सूची में कंपनी का नाम आया।

इस मामले में कंसोर्टियम बनाए जाने के समय 2008 में एक्सिस बैंक टर्म लोन मामले में लीड बैंक था जबकि बैंक ऑफ इंडिया कैश क्रेडिट सुविधा के लिए लीड बैंक था। दोनों बैकों के अधिकारियों से संबंध बनाकर कंपनी के निदेशकों ने लोन और क्रेडिट के नाम पर धनराशि प्राप्त की। सीबीआइ के अनुसार, कंपनी ने कर्ज पाने के लिए अपने पास तैयार माल के गलत आंकड़े पेश किए। इसके बाद कर्ज की वापसी नहीं की।

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