गुजरात में जीत का फार्मूला तलाश रही कांग्रेस, पाटीदार-ओबीसी कॉम्बिनेशन पर कर रही काम

राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत से मुलाकात कर गुजरात के संगठन में बदलाव पर मुहर लगा सकते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Mar 2018 05:36 PM (IST) Updated:Mon, 26 Mar 2018 06:10 PM (IST)
गुजरात में जीत का फार्मूला तलाश रही कांग्रेस, पाटीदार-ओबीसी कॉम्बिनेशन पर कर रही काम
गुजरात में जीत का फार्मूला तलाश रही कांग्रेस, पाटीदार-ओबीसी कॉम्बिनेशन पर कर रही काम

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक चुनाव अभियान से लौटकर बुधवार को गुजरात कांग्रेस को लेकर कुछ बडा फैसला कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी अपना इस्तीफा आलाकमान को सौंपकर तीन सप्ताह के लिए विदेश रवाना हो चुके हैं। कयास हैं कि पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर, चुनाव से ले पार्टी में शामिल हुए अल्पेश ठाकोर को भी कमान मिल सकती है। ऐसा करके आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का पाटीदार व ओबीसी का नया जिताऊ फार्मूला तैयार करने का प्रयास हो सकता है।

गुजरात के विधानसभा चुनाव में जीत के करीब पहुंचकर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कांग्रेस इस हार की कई बार समीक्षा कर चुकी है, लेकिन हार के कारणों से बचने के लिए सख्त फैसला अभी तक नहीं कर पाई है। प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन के बाद अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सोलंकी इसके बाद तीन सप्ताह के विदेश दौरे पर अमेरिका चले गए हैं, जिससे ये अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव हो सकता है। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर, विधायक अल्पेश ठाकोर, वरिष्ठ नेता व विधायक कुंवरजी का नाम चर्चा में हैं। चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए अल्पेश का नाम सबसे अधिक चौंकाने वाला है।

माना जा रहा है कि नेता विपक्ष पद पर पाटीदार नेता परेश धनाणी की नियुक्ति के बाद कांग्रेस सोलंकी की जगह किसी ओबीसी नेता को ही कमान सौंपकर पाटीदार ओबीसी का जिताऊ फार्मूला तैयार करना चाहती है। राजनीतिक विष्लेशक व वरिष्ठ पत्रकार आरके मिश्रा का मानना है कि चुनाव परिणामों को लेकर राहुल गांधी प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से पहले ही नाराज हैं। ऐसे में आगामी चुनावों से पहले युवा चेहरों को आगे लाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। हालांकि अनुभव की कमी अल्पेश के अध्यक्ष बनने की राह में रोड़ा बन सकती है, लेकिन चुनाव जीतकर पार्टी के लिए उपयोगी नेता तो साबित हुए हैं। उधर, विधायक जिग्नेश मेवाणी की उग्र राजनीति दलित वोट बैंक कांग्रेस के पाले में लाने में मददगार हो सकती है। मिश्रा बताते हैं कि राहुल नेता विपक्ष पद पर धनानी को बिठाने के बाद अब अध्यक्ष पद पर भी किसी डायनेमिक नेता को ही पसंद करेंगे, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके।

चर्चा यह भी है कि राज्यसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से अध्यक्ष सोलंकी भी आलाकमान से खफा हैं। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री व आदिवासी नेता नारण राठवा तथा हाईकोर्ट की अधिवक्ता व ब्राह्मण नेता अमीबेन याग्निक को राज्यसभा में भेजा है, जिसको लेकर पार्टी में घमासान मचा है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी बताते हैं कि सोलंकी इस्तीफा सौंपकर विदेश यात्रा पर चले गए हैं। बुधवार को राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत से मुलाकात कर गुजरात के संगठन में बदलाव पर मुहर लगा सकते हैं। वैसे अध्यक्ष के लिए सोलंकी के भांजे अमित चावडा का नाम भी चर्चा में है।  

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