कमलेश तिवारी हत्याकांडः अशफाक ने फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर की थी दोस्ती
Kamlesh Tiwari Murder Case. हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को लखनऊ में हत्या कर दी गई थी।
अहमदाबाद, जेएनएन। कमलेश तिवारी की हत्या के आरोप में फरार अशफाक ने फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर हिंदू नेता से दोस्ती कर ली थी। तिवारी ने 18 अक्टूबर को मिलना तय किया था। आरोपित ने ऐसा करके तिवारी से मुलाकात पक्की कर ली थी।
गुजरात एटीएस मामले की जांच कर रही है। हिंदू समाज पार्टी के स्थानीय नेता ने पुलिस को बताया कि अशफाक ने रोहित सोलंकी के नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर हिंदू नेता कमलेश तिवारी से दोस्ती की तथा मिलने का वक्त भी तय किया। तिवारी ने उसे 18 अक्टूबर को मिलना तय किया था और उसी दिन उनकी हत्या कर दी गई। इससे पता चलता है कि हत्यारों ने कमलेश तिवारी की वास्तविक लोकेशन के साथ फर्जी आईडी से मिलने का वक्त भी मुकर्रर कर ली थी। अशफाक के साथ फरीद उर्फ मोइनुद्दीन भी फरार है। फरीद इस हत्याकांड के मुख्य साजिश कर्ता रशीद खान पठान ही छोटा भाई है। मौलाना मोहसिन व रशीद ने ही मिलकर इनको हत्या के लिए उकसाया था।
गौरतलब है कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को लखनऊ में हत्या कर दी गई थी। हत्यारे सूरत में खरीद गई मिठाई के बॉक्स में हथियार लेकर आए थे, जो आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। एटीएस व क्राइब ब्रांच ने शुक्रवार की मध्यरात्रि फिल्मी स्टाइम में लिबांयत से मुख्य आरोपित राशिद, सईज और फैजान को गिरफ्तार किया था। राशिद खान सूरत के लिंबायत इलाके में ग्रीन व्यू सोसायटी में रहता है, वह दर्जी की दुकान चालता है तथा कंप्यूटर का भी जानकार है। फैजान पठाण सूरत के लिंबायत इलाके में ही जिलानी पार्क में रहता है तथा साड़ी की दुकान पर काम करता है।
2015 में कमलेश तिवारी ने हजरत पैंगबर को लेकर एक बयान दिया था। जिसके बाद राशिद ने कमलेश तिवारी की हत्या करने का प्लान बनाया था। हालांकि बाद में वह दुबई चला गया था, जहां करांची की एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करता था। तीन महीने पहले ही वह सूरत आया था। उसने सूरत में कमलेश तिवारी की हत्या करने की साचिज रची।